जन नीति निर्धारण में कई समूहों का होता है योगदान : डॉ. संजय

जन नीति के निर्धारण एवं सुधार में कई समूहों का योगदान होता है। जो अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए नौकरशाहों एवं नेताओं से समन्वय स्थापित करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 03:00 AM (IST)
जन नीति निर्धारण में कई समूहों का होता है योगदान : डॉ. संजय
जन नीति निर्धारण में कई समूहों का होता है योगदान : डॉ. संजय

भागलपुर । जन नीति के निर्धारण एवं सुधार में कई समूहों का योगदान होता है। जो अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए नौकरशाहों एवं नेताओं से समन्वय स्थापित करते हैं। सभी देश विश्व की अर्थव्यवस्था से ऐसे जुड़े हैं। पूरी तरह प्रतियोगी बनकर ही स्वावलंबी बना जा सकता है। ये बातें नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी, हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स मास्को, रूस के प्रो. संजय कुमार ने कही। वे बुधवार को मारवाड़ी कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे।

कार्यशाला का विषय 'जन नीति के सामाजिक आर्थिक आयाम' था। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. संजय कुमार के अलावा मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केसी झा, सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।

प्राचार्य ने कहा कि नीति निर्माण के विविध पक्षों की ओर ध्यान आकर्षित किया तथा सुदृढ़ नीति निर्माण को विकास के लिए आवश्यक बताया। डॉ. केएम सिंह ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला ज्ञानव‌र्द्धन के लिए आवश्यक है। विषय प्रवेश डॉ. अनिल तिवारी ने कराया। समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष संगीत कुमार ने कहा कि नीति निर्माण की दिशा परिवर्तित करने की जरूरत है। भारतीय समाज विविधताओं से परिपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष और एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. आशीष कुमार मिश्रा ने किया। डॉ. स्वस्तिका दास, डॉ. सिमरन भारती, डॉ. अक्षय रंजन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. संगीता एवं डॉ. रितु कुमार को मेंटर बनाया गया। इस मौके पर डॉ. बृजभूषण तिवारी, डॉ. प्रतिभा राजहंस, डॉ. कमला त्रिपाठी, डॉ. बासुकी, डॉ. अलोक रंजन आदि शामिल हैं।

कार्यक्रम में एनएसएस के सूरज, आशुतोष, अमित, रोशन, राजनीश, अभिषेक, अभिषेक-2 समेत अन्य स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया।

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