कोरोना ने बढ़ाई टीएमबीयू की परेशानी, फिर से सत्र होगा लेट

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्याल य (टीएमबीयू) के स्नातक व पीजी के सत्रों को कोरोना क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 05:19 AM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 05:19 AM (IST)
कोरोना ने बढ़ाई टीएमबीयू की परेशानी, फिर से सत्र होगा लेट
कोरोना ने बढ़ाई टीएमबीयू की परेशानी, फिर से सत्र होगा लेट

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्याल य (टीएमबीयू) के स्नातक व पीजी के सत्रों को कोरोना का ग्रहण लग गया है। टीएमबीयू के सत्र नियमित करने की कवायद को लॉकडाउन का झटका लगा है। अभी हो रही पार्ट थ्री की 2019 के मई-जून 2019 में होनी थी, किंतु नहीं हो सकी। ऐसे में मार्च में विद्यार्थियों का पार्ट थ्री का परीक्षा फार्म भरवाकर परीक्षा की तैयारी थी, ताकि देर चल रहे सत्र को ठीक किया जा सके, किंतु मार्च में लॉकडाउन के कारण सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई।

पार्ट थ्री के कारण सेमेस्टर-1 का सत्र होता है लेट

करीब नौ माह बाद पार्ट थ्री की परीक्षाएं शुरू कराई गई हैं। कोरोना के कारण करीब नौ माह अतिरिक्त परीक्षा के लिए लग गए, जिससे विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ेगी। यह परीक्षा 15 माह देरी से शुरू हुई है। ऐसे में पीजी में नए सत्र का होने वाला नामांकन भी करीब 15 माह देरी से होगा। इससे पीजी के सत्र भी लेट होंगे। पीजी विभाग के शिक्षकों ने बताया कि अभी टीएमबीयू में पीजी के तीन सत्र चल रहे हैं। जिसमें सत्र : 2017-19, 2018-20 और 2019-21 शामिल हैं। इसमें 2019 के सत्र की परीक्षा जुलाई 2019 में हो जानी थी, किंतु अब तक परीक्षा नहीं हुई है। यह परीक्षा करीब 15 माह देरी से होगी।

देर सत्र के कारण विद्यार्थियों का करियर लगता है दांव पर

स्नातक और पीजी के सत्र में देरी होने के कारण टीएमबीयू के विद्यार्थियों का करियर दांव पर लगा रहता है। सत्र की देरी के कारण बाहर के राज्यों या अन्य संस्थानों में टीएमबीयू के विद्यार्थी नामांकन नहीं करा सकते हैं। हाल के वर्षो में सत्र नियमित होना मुश्किल हो गया है, जबकि टीएमबीयू ने पूर्व में भी अपना एकेडमिक कैलेंडर बनाया है। जिसमें नामांकन से परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि तय होती है, लेकिन इसका पालन अलग-अलग कारणों से नहीं हो सकता है।

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कोट टीएमबीयू के सत्र को नियमित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सत्र में देरी का अंतर बढ़ गया है। उसे भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ. अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक टीएमबीयू

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