ईस्टर्न चैंबर आफ कामर्स: भागलपुर में पदाधिकारियों की संख्‍या बढ़ी, विकास शुल्क भी अनिवार्य

ईस्टर्न चैंबर आफ कामर्स भागलपुर में 730 दिन सदस्यता के पूरे होने के बाद ही बन सकेंगे उम्मीदवार के प्रस्तावक। 250 रुपये आजीवन सदस्यता के लिए विकास शुल्क देना हुआ अनिवार्य। 09 से बढ़कर 11 हुई चैंबर के पदाधिकारियों की संख्या।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:31 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:31 AM (IST)
ईस्टर्न चैंबर आफ कामर्स: भागलपुर में पदाधिकारियों की संख्‍या बढ़ी, विकास शुल्क भी अनिवार्य
ईस्टर्न चैंबर आफ कामर्स भागलपुर के पदाधिकारी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। ईस्टर्न चैंबर आफ कामर्स की आमसभा में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। चैंबर के संविधान में संशोधन को लेकर कई प्रस्ताव आम सभा में पारित हुए। जिसमें तीनों संशोधन का चैंबर की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। पहले सदस्यता हासिल होते ही चैंबर के सदस्य चैंबर के कार्यकारिणी के चुनाव में उम्मीदवारों के प्रस्तावक बन जाते थे। अब ऐसा करना मुश्किल होगा। आम सभा में पारित हुए प्रस्ताव के बाद प्रस्तावक बनने के लिए सदस्यों को 730 दिन सदस्यता पूरी करनी होगी। सदस्यता के 730 दिन पूरे होने के बाद ही कोई सदस्य किसी उम्मीदवार का प्रस्तावक बन सकते हैं। वहीं, आजीवन सदस्यता के लिए सदस्यों को अब 250 रुपये विकास शुल्क अनिवार्य रूप से देना होगा। पहले यह शुल्क अनिवार्य नहीं था।

वहीं, चैंबर के पदाधिकारियों की संख्या भी नौ से बढ़ा कर 11 कर दिया गया है। सह कोषाध्यक्ष का नया पद सृजित किया गया है। वहीं, सचिव का भी एक पद बढ़ाया गया है। अब जिला मुख्यालय से इतर जहां चैंबर के 50 से अधिक सदस्य हैं, वहीं मतदान केंद्र बनाने पर भी चर्चा की गई। आम सभा ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि चैंबर की चुनाव समिति इस पर निर्णय लेगी। नवगछिया में चैंबर के 70 से अधिक सदस्य हैं। ऐसे में अगर चैंबर की चुनाव समिति ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लिया, तो इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

चैंबर के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि पहले सदस्यों को बैठक या अन्य कार्यक्रमों की लिखित जानकारी दी जाती थी। अब वाट््सएप या फोन काल से दिए संदेश भी मान्य होंगे। साथ ही अगर किसी फार्म का नाम परिवर्तित हो गया और प्रोपराइटर वहीं व्यक्ति हैं, तो 25 सौ रुपये देकर अपनी पुरानी सदस्यता को रिनुअल कर सकते हैं। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 दिसंबर तक समाप्त हो जाएगा। मार्च में नई कार्यकारिणी का चुनाव होगा। खैर, इन संशोधन का आगामी चैंबर कार्यकारिणी के चुनाव पर असर पडऩा तय माना जा रहा है।

chat bot
आपका साथी