मंदिरों के पट खुले, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

भागलपुर । शहर और आसपास के दुर्गा मंदिरों के शुक्रवार को पट खुल गए। सुबह से ही श्रद्धालुआ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:41 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:41 AM (IST)
मंदिरों के पट खुले, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
मंदिरों के पट खुले, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

भागलपुर । शहर और आसपास के दुर्गा मंदिरों के शुक्रवार को पट खुल गए। सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। सभी ने मां के दर्शन किए और श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। चारों ओर दुर्गा सप्तशती के पाठ से वातावरण भक्तिमय हो रहा है। महासप्तमी की विशेष पूजा की गई। वहीं शनिवार को महाष्टमी का व्रत किया जाएगा। सभी कार्यो में सफलता देने वाली मां दुर्गा के गौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना होगी। महिलाएं उपवास कर फल फूलों से सुसज्जित डलिया मां को अर्पित करेंगी। शहर के दुर्गा पूजा में बंगाल की संस्कृति और विधान दिखता है।

ढाक बजाने से मां होती हैं प्रसन्न

भागलपुर में तीन दशक से सप्तमी के दिन ढाक बजाकर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा किया गया। ऐसी मान्यता है कि इसके आवाज से मां दुर्गा खुश होती हैं। भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं। ढोल, नगाढ़े बजने के बाद पूजा हुई, इसके बाद भक्तों के लिए मां के पट खोल दिए गए।

मुंदीचक गढ़ैया दुर्गा मंदिर, दुर्गा बाड़ी, काली बाड़ी, रिफ्यूजी कॉलोनी आदि दुर्गा मंदिरों में विशेष पूजा किया गया। चंपानगर महाशय ड्योड़ी में मेढ़ पर मेढ़ चढ़ने के साथ ही देवी दुर्गा महारानी के दर्शनार्थ व पूजा अर्चना के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए हैं। तकरीबन चार सौ साल से यहां की दुर्गा महारानी अत्यंत जाग्रित मानी जाती हैं।

सप्तमी को कलश यात्रा निकाली गई

महा सप्तमी के शुभ अवसर पर नेताजी सुभाष सेवा समिति बरारी दुर्गा मंदिर में शुक्रवार की सुबह पांच बजे चंडी पाठ पं. संजीत कुमार चटर्जी ने किया। तत्पश्चात मंदिर प्रांगण से कलश यात्रा पूर्ण विधि विधान से निकाली गई। कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर शारीरिक दूरी का पालन किया गया। यात्रा में शामिल सभी लोगों ने मास्क का उपयोग किया। नवपत्रिका मंदिर में समयानुसार प्रवेश करा लिया गया।

कलश यात्रा का नेतृत्व अशोक सरकार कर रहे थे। केला मां को तपन दास लेकर चल रहे थे। बिहार बंगाली समिति बरारी शाखा के अध्यक्ष तरुण घोष मौजूद थे। शाम में मां की भव्य आरती किया गया।

महागौरी रूप की उपासना आज

नवरात्र का अति महत्वपूर्ण दिन महाष्टमी शनिवार को होगा। नवरात्र उपासक आज मां के महागौरी रूप की उपासना करेंगे। दुर्गा अष्टमी के दिन माता के अस्त्रों की भी पूजा की जाती है। कथाओं के अनुसार इसी तिथि को मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था। इस दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ माता की पूजा-अर्चना करते हैं। मां प्रसन्न होकर उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है।

मुसहरी घाट पर विसर्जन करने का आग्रह

दुर्गा पूजा महासमिति ने डीएम को पत्र देकर पूर्व की भांति प्रतिमा विसर्जन कराने का आग्रह किया है। समिति ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि सभी प्रतिमाओं का विसर्जन मुसहरी घाट मायागंज में किया जाय। कोरोना महामारी और चुनाव आचार संहिता को ध्यान रखा जाएगा। गाइडलाइन का पूर्ण पालन किया जाएगा। पिछले वर्ष की तरह मुसहरी घाट पर निर्मित तालाब में बिना गाजे-बाजे के भीड़भाड़ रहित स्थिति में विसर्जन किया जाएगा। महासमिति ने अनुमति और सहयोग की मांग की है।

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