अररिया में नशीली दवाओं का प्रचलन बढ़ा, मुंहमांगी कीमत वसूल रहे तस्‍कर

अररिया में इन दिनों नशीली दवाओं का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। तस्‍कर प्रतिबंधित दवाओं को बेच रहे हैं। मुंहमांगी कीमतें वसूली जा रही है। इससे युवा प‍ीढि़ लगातार भटक रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन से शिक्षण संस्थानों का बंद रहने से इसका बढ़ावा मिला है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 05:05 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 05:05 PM (IST)
अररिया में नशीली दवाओं का प्रचलन बढ़ा, मुंहमांगी कीमत वसूल रहे तस्‍कर
अररिया में नशीली दवाओं का प्रचलन बढ़ा।

अररिया, जेएनएन। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों नशीली दवा का प्रचलन बढ़ रहा है। जिससे आमजन परेशान है। लोगों का कहना कि अल्प वयस्क समेत युवा नशीली दवा का पुरजोर सेवन करने लगा है। जो चिंता का विषय है। नशीली दवा जिसमें कोडीन युक्त कफ सिरफ, नींद की गोली, एस्पाजमो प्राक्सीवान, नेटरावेट, फोर्टवीन समेत दर्जनों ब्रांड की नशीली दवा की बिक्री प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बेची व खरीदी जाती रही है। नशीली दवाओं में से अधिकांश दवा पूर्व से ही प्रतिबंधित है। इसके बावजूद दवा दुकानदार बगैर किसी सक्षम डॉक्टर के पर्ची के ही मुंहमांगी कीमत लेकर नशे का खुराक को बेचते हैं। जिससे प्रखंड क्षेत्र के न केवल युवा वरण अल्पवयस्क भी नशे की गिरफ्त में जा रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य महकमा द्वारा न तो दवा दुकान का निरीक्षण किया जाता है न ही नशीली दवा जिसे सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं रहने के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत कहें या फिर दवा दुकानदार द्वारा गुपचुप तरीके से धड़ल्ले से बिक्री की जाती रही है। कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन से शिक्षण संस्थानों का बंद रहना भी दे रहा नशे  को बढ़ावा।

क्या कहते हैं पीएचसी प्रभारी

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्साकांटा के प्रभारी चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश मंडल ने बताया कि अल्प उम्र में नशीली दवा या सस्ती नशा का शिकार हो रहे लोगों को श्वसन संबंधी बीमारी, मानसिक रूप से सुस्त होना, हमेशा खोया खोया सा रहना, दिनचर्या को अनमने ढंग से निबटाना, पढ़ाई लिखाई के प्रति उदासीन, स्वभाव से चिड़चिड़ापन, काफी समय तक घर से बाहर रहना, पेट संबंधी बीमारी समेत अन्य बीमारियों के चपेट में आ सकता है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते उपचार किया जाए तो स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन किसी कारणवश यदि ससमय इलाज नहीं किया गया तो वैसे लोग पागल तक हो सकते हैं। साथ ही वैसे लोग असाध्य रोग से ग्रसित  हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं में बढ़ते नशीली दवा का प्रचलन पर चिंता जाहिर की।

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