बाजार में गहराया पेयजल संकट, गर्मी के साथ जलस्तर में गिरावट, पीएचईडी विभाग भी बेखबर
गर्मी ने दस्तक क्या दिया बांका में अभी से ही पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। मार्च तक सुखनिया पेयजलापूर्ति योजना को पूरा होना है पर संवेदक काम छोड़ कर फरार हो गए हैं। दर्जन भर चापाकल खराब है। पीएचईडी विभाग की सक्रियता भी नहीं दिख रही है।
जागरण संवाददाता, बांका । बाजार में गर्मी की दस्तक देते ही पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। करीब एक दर्जन चापाकल खराब पड़े हुए हैं। जिसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। मेला मैदान समीप गज्जर गांव के पास कई महीने से दोनों चापाकल खराब है। जिसके कारण राहगीरों को प्यास बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा बाजार में पुरानी अस्पताल में स्थित सोलर निर्मित मिनी पेयजलापूर्ति योजना सुचारू रुप से नहीं चालू होने के कारण बाजार में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। सुबह-शाम लोग सबसे पहले पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं। हर हमेशा लोगों को शहर में लोगों को ठेला, रिक्शा और साइकिल से पानी को ढोते देखा जा सकता है।
भू गर्भ जलस्तर में आने लगी गिरावट
गर्मी के शुरू होते ही अभी से ही पानी का जलस्तर नीचे जाना शुरु हो गया है। ऐसी स्थिति में आने वाले महीनों में गर्मी के मौसम में बाजार वासियों को पेयजल की कठिन समस्या से गुजरना होगा। दूसरी तरफ बाजार में पेयजल की समस्या का निदान के लिए बहुप्रतिक्षित सुखनियां पेयजलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में चला गया है। धीमी गति का निर्माण कार्य होने के कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है । पिछले वर्ष ही संवेदक को निर्माण कार्य पूर्ण करना था। पर इस वर्ष भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। अधूरा काम छोड़कर संवेदक फरार हो गया है। वहीं दूसरी ओर जिनके पास निजी बोरिंग की व्यवस्था है वे पानी का दुरूपयोग भी कर रहे हैं। इस ओर भी जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
क्या कहते हैं पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता संजय भारती ने कहा कि सुखनियां पेयजलापूर्ति का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अगले महीने से बाजार में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। संवेदक को 31 मार्च तक सभी कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया गया है। खराब पड़े चापाकल को भी ठीक कराया जाएगा ।