बेहतर रैकिग के सपने, भगवान भरोसे व्यवस्था

भागलपुर। शहरी निकायों के स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का तीसरा चरण नवंबर से शुरू होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 02:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 02:00 AM (IST)
बेहतर रैकिग के सपने, भगवान भरोसे व्यवस्था
बेहतर रैकिग के सपने, भगवान भरोसे व्यवस्था

भागलपुर। शहरी निकायों के स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का तीसरा चरण नवंबर से शुरू होगा। नगर निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर से स्मार्ट सिटी भागलपुर पिछड़ेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण तीन हजार अंकों का होगा। इसमें सबसे अधिक 12 सौ अंक कचरे की प्रोसेसिग व निस्तारण के लिए दिए जाएंगे। नगर निगम प्रशासन कचरे के प्रोसेसिग और निस्तारण के मानक पर अभी पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। पूरी व्यवस्था भगवान भरोसे हैं और निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैकिग का सपना पाल रहा है। कचरा निस्तारण के लिए भूतनाथ मार्ग पर दो पीट का निर्माण कराया गया है। कुछ मशीनों के अभाव में कचरे का प्रोसेसिग नहीं हो पा रहा है। कचरा निस्तारण की व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। 4.68 एकड़ में कूड़ा डंपिग यार्ड बनाया गया है। जहां निस्तरण नहीं होने के कारण कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। डंपिग यार्ड की पांच एकड़ जमीन अतिक्रमण का शिकार होकर रह गई है। यही कारण है कि निगम की ओर से कभी बायपास के किनारे कूड़ा फेंक दिया जाता है, तो कभी गंगा किनारे। ऐसे में बेहतर रैंकिग हासिल करने का निगम का सपना कैसे साकार होगा, यह बड़ा सवाल है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना में पैसे उपलब्ध हैं। इसके बाद कचरा प्रोसेसिग यूनिट की स्थापना नहीं होने के सवाल पर निगम प्रशासन जमीन उपलब्ध नहीं होने का रोना रोते नजर आते हैं। निगम प्रशासन का कहना है कि कचरा प्रोसेसिग यूनिट के लिए 20 एकड़ जमीन चाहिए। जमीन मिल नहीं रहा है। नौ-नौ सौ अंक

उसके वर्गीकरण व स्थायी स्वच्छता की स्थिति पर मिलेंगे। गिला और सूखा कचरा के अलग अलग रखने और निस्तारण की व्यवस्था भी बेहतर नहीं है। हालांकि, निगम ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। 55 आटो टीपर की खरीदारी की गई है। आटो टीपर के माध्यम से घर घर कचरा का उठाव किया जाएगा। शहरवासी आटो टीपर में बने अलग अलग बाक्स में गिला और सूखा कचरा गिराएंगे।

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निगम ने शुरू की गई तैयारी

स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैकिग हासिल करने के लिए शनिवार को नगर प्रबंधक रवीश चंद्र वर्मा ने स्वास्थ्य शाखा प्रभारी के साथ बैठक की। नगर प्रबंधक ने बताया कि नवंबर माह से नगर निगम को पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करना होगा। जनवरी से मार्च माह के बीच केंद्रीय टीम भौतिक सत्यापन के लिए पहुंचेगी। इस बार के सर्वे में जनता की अहम भूमिका होगी। शहरवासियों के फीडबैक को सर्वे में तवज्जो दी जाएगी।

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नगर निगम ने शुरू की सर्वेक्षण की तैयारी

सर्वे टीम पिपुल फस्ट के तहत जनसुविधा का आकलन करेगी। तीन महीने तक शहरी निकाय द्वारा स्वच्छता पोर्टल पर डेटा अपलोड किया जाएगा। जनवरी में केंद्रीय टीम शहर में पहुंच कर उपलब्ध डाटा का सत्यापन करेगी। साथ ही सैंपल जांच व नागरिकों से सीधी राय लेगी। लोगों को जागरूक करने को कम से कम दो ब्रांड एंबेसडर का चयन किया जाएगा। लोगों से गिला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने, घर पर जैविक खाद तैयार करने, गूगल टायलेट लोकेटर का उपयोग, स्वच्छता एप का प्रयोग, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के उपयोग पर फीडबैक सर्वे टीम फीडबैक लेगी। ---------------

ब्रांड एंबेसडर का निगम करेगा चयन

ब्रांड एंबेसडर के लिए स्थानीय कलाकार, चिकित्सक, शिक्षक, धर्म गुरु, खिलाड़ी व प्रभावी व्यक्ति को चयन किया जाएगा। ब्रांड एंबेसडर द्वारा अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया जाएगा। अधिकारियों के साथ मासिक कार्य योजना बनाने, वार्ड स्तरीय बैठकों में शामिल होकर जनता को स्वच्छता व्यवहार में परिवर्तन लाने के प्रेरित करना है। ब्रांड एंबेसडर का चयन निगम की सशक्त स्थायी समिति करेगी। ब्रांड एंबेसडर के चयन और उनके द्वारा लोगों को जागरूक करने पर निगम को अतिरिक्त 50 अंक मिलेगा।

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व्यवस्था में सुधार की कवायद

शहर को बेहतर अंक दिलाने के लिए व्यवस्था की खामियों को दूर किया जाएगा। सफाई मित्र चैलेंज प्रतियोगिता के सर्वे में शौचालय और शहर की सफाई व्यवस्था दूर होगी। शहर में 50 से अधिक मोबाइल टायलेट की व्यवस्था होगी। सभी सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय के रख-रखाव व सफाई व्यवस्था होगी। नालों की उड़ाही के लिए मजदूरों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं शहरी क्षेत्र के होर्डिंग को व्यवस्थित किया जाएगा। सिगल यूज प्लास्टिक थैले के इस्तेमाल पर रोक का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

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