सिल्क सिटी में शुरू हुई स्मार्ट एजुकेशन पर चर्चा, आइआइटीएन होंगे बदलाव के सारथी, जानिए
भागलपुर के बच्चों के भविष्य का सारथी अब आइआइटीएन की टीम बन गई है। आइआटी से पासआउट चार युवाओं ने इसके लिए सारथी एकेडमी की शुरुआत साल भर पहले की थी। इसके माध्यम से यहां के युवाओं को कई तरह के लाभ मिल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। स्मार्ट सिटी भागलपुर में अब स्मार्ट एजुकेशन पर भी चर्चा शुरू हो गई। इस बदलाव के सारथी आइआइटीएन की टीम है। साल भर पहले चार आइआइटीएन की टीम द्वारा शुरू की गई सारथी एकेडमी ने आज बच्चों के भविष्य को स्मार्ट और बेहतर बनाने का बीड़ा उठाया है।
गुरुवार को सारथी एकेडमी के स्थापना दिवस पर एकेडमी के निदेशक आइआइटीएन अभिनव अनंत ने कहा कि छात्रों को पढ़ाई के साथ ही अभिभावकों और शिक्षकों का मॉरल स्पोर्ट भी जरुरी है, ताकि बच्चे हतोत्साहित ना होकर आगे बढऩे की सोचे। उन्होंने बताया कि इस काम को सारथी एकेडमी के शिक्षक बखूबी कर रहे हैं। बच्चों को कक्षा के अलावा ऑनलाइन माध्यम से भी गाइड किया जा रहा है।
दीप जलाकर किया कार्यक्रम का उद्घाटन
वहीं, इससे पहले गुरुवार को एसएम कॉलेज स्थित एकेडमी के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन एकेडमी के निदेशक की मां पूनम पाण्डेय, पिता अशोक अनंत एवं एकेडमी के शिक्षकों ने दीप जलाकर किया। इस मौके पर संस्थान के छात्र व अन्य लोग मौजूद थे।
भागलपुर में पढ़ा रहे पुणे के शिक्षक
महाराष्ट्र के पुणे से आए आइआइटीएन चंदन पाटिल ने कहा कि बिहार के लोग अच्छे हैं। यहां आकर अच्छा लग रहा है। पहला एकेडमी ऐसा है जहां पुणे के शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वहीं आइटियन अंकुश कुमार ने चाणक्य के श्लोक छात्रों को सुनाया। जिसका अर्थ है कि बगुला कभी भी छोटी मछलियों का शिकार नहीं करता, बड़ी मछलियां ही पकड़ता है। इसी तरह छात्रों को भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान ना देकर बड़े मिशन पर नजर रखनी चाहिए। पढ़ाई से ही सब संभव है। इस अवसर पर छात्रों द्वारा नाटक का भी मंचन किया गया। नाटक के द्वारा यह संदेश दिया गया कि पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी अच्छी संगति से और भी सरल हो जाती है। अच्छी संगति नहीं होने से छात्र मुद्दों से भटक जाते हैं।