राम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने लगाए जय श्रीराम के जयकारे, भक्तों की उमड़ी भीड़
अमृतवर्षा सत्संग समारोह के पांचवें दिन शुक्रवार को कथा के दौरान मथुरा से आए कथा वाचक अखिलेश शास्त्री ने प्रभु श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए श्रीराम जन्मोत्सव मनाया। इस दौरान राधा मोहन ठाकुरबाड़ी परिसर श्री राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
जागरण संवाददाता, लखीसराय । बड़हिया नगर स्थित राधामोहन ठाकुरबाड़ी में आयोजित राधामोहन वार्षिकोत्सव सह राम कृष्ण चिंतन अमृतवर्षा सत्संग समारोह के पांचवें दिन शुक्रवार को कथा के दौरान मथुरा से आए कथा वाचक अखिलेश शास्त्री ने प्रभु श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए श्रीराम जन्मोत्सव मनाया। इस दौरान राधा मोहन ठाकुरबाड़ी परिसर श्री राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। कथा वाचक अखिलेश शास्त्री ने भक्तों को नारद मोह प्रसंग से अवगत कराते हुए नारद और श्रीहरि के बीच होने वाली वार्तालाप को मनमोहक ढंग से सुनाया। भारी संख्या में जुटे श्रद्वालु कथा वाचक के प्रवचन को सुन भाव विभोर हो रहे थे। कथा के दौरान भक्तजन प्रभु राम का जयकारा भी लगा रहे थे। इस कार्यक्रम में दलगत राजनीति से उपर उठकर लोग ज्ञान की गंगा में डूबकी लगा रहे थे।
असुरों के बढ़ते आतंक पर ईश्वर लेते हैं अवतार
इसके उपरांत उन्होंने भगवान राम के जन्म से जुड़ी कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को सुनाया। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढऩे लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की।
राम के जन्म पर अयोध्याय में मनाई गई थी खुशियां
उन्होंने कहा कि किस तरह से महाराज दशरथ के यहां महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना। भगवान राम के जन्म के बाद अयोध्या में हर तरफ खुशियां मनाई गई। भगवान श्रीराम के जन्म पर राजा दशरथ पूरे अयोध्या के नागरिकों के बीच उपहार का वितरण कर मिठाईयां बंटवाए। नगर में हर घर में बधाई गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर जय श्रीराम के जयकारों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर व्यास सोनू जी, बाबू जी चतुर्वेदी एवं तबला वादक अजय शर्मा तथा हारमोनियम वादक प्रेम सोनी आदि मौजूद थे।