Bihar : डिप्टी सीएम तारकिशोर करते रहे उद्घाटन, इधर खून के सौदागरों ने ले ली गर्भवती मधु और बच्चे की जान
मुंगेर से बड़ी खबर उस समय सामने आई है जब डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद यहां आक्सीजन प्लांट समेत कई योजनाओं का उद्घाटन करने पहुंचे। खून के सौदारगरों को 55 सौ का नजराना न देने पर एक युवक का जीवनसाथी और आने वाली खुशी दोनों उससे छिन गईं। पढ़ें पूरी खबर...
संवाद सूत्र, मुंगेर। स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बाद भी मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। हर जगह सिर्फ लापरवाही ही दिखती है। शनिवार को सदर अस्पताल में कुछ इसी तरह की लापरवाही में एक गर्भवती महिला की जान चली गई। समय पर ब्लड नहीं मिलने पर शंकरपुर की मधु दुनिया को अलविदा कह दिया। गर्भ में पल रहा नवजात इस दुनिया में कदम भी न रख सका। पति पिंटू सागर और स्वजन चिखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। खून के सौदागरों ने ये भी नहीं सोचा कि डिप्टी सीएम जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने आए हैं।
दरअसल, शनिवार की दोपहर 12:30 बजे शंकरपुर की रहने वाली 30 वर्षीय मधु कुमारी को पति पिंटू सागर ने प्रसव के लिए लेकर सदर अस्पताल पहुंचा। जहां चिकित्सकोंं ने खून की कमी बताया। इसके बाद शंकर ब्ल्ड बैंक कर्मी के पास गए और ब्लड देने की बात कही। कर्मी ने 55 सौ रुपये इसके लिए बतौर नजराना मांगा। शंकर सहित पांच स्वजन ब्लड देने के लिए तैयार हो गए। काफी देर तक ब्लड नहीं मिला, तो शंकर पत्नी को देखने के लिए पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
जांच में देरी-बच्चा भी मर गया
मधु के गर्भ में नौ माह का बच्चा भी था। पत्नी की मौत के बाद लगभग दो घंटे बाद बच्चे की जांच हुई तो बच्चा भी तबतक मर चुका था। पिंटू ने चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि पत्नी की मौत के बाद बच्चे का भी सही समय पर जांच नहीं किया इस वजह से दुनिया में आने से पहले ही बच्चा गुजर गया। लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में प्रसव केंद्र में नियुक्त महिला चिकित्सक डा. निष्ठा कुमारी ने बताया प्रसूता के शरीर में खून की कमी थी और ब्लड प्रेशर भी कम था। ब्लड तीन मिनट में आ गया था। इसके बाद महिला को बचाने का काफी प्रयास किया। लेेकिन, नहीं बच सकी। ब्लड बैंक के इंचार्ज संजय कुमार यादव ने बताया मृतक के स्वजन ब्लड के लिए आए थे, तीन मिनट के दौरान हैं उन्हें ब्लड उपलब्ध करवा दिया। पैसे लेने का आरोप बिल्कुल निराधार है।
उप मुख्यमंत्री जी, अब किसी दूसरी मधु की जिंदगी नहीं जाए
पत्नी मधु की मौत के बाद पति पिंटू प्रसव वार्ड में चित्कार रहा था। कभी छाती पीट-पीट कर रो रहा था तो कभी अपनी किस्मत को कोस रहा था। बार-बार पिंटू यही कह रहा था कि आखिर वह मधु को लेकर सदर अस्पताल क्यों आया। उस वक्त अस्पताल में भी अफरातफरी थी, क्योंकि उप मुख्यमंत्री तारकिशाेर प्रसाद शहर में ही थे। कोई बड़ा बवाल न हो इसके लिए अस्पताल के चिकित्सक से लेकर कर्मी शंकर और स्वजनों को चुप कराने में लगे थे। मामला बढ़ता देख सुरक्षा गार्ड को बुलाया गया।
खून की कमी से जिंदगी हार गई मधु के पति पिंटू सागर ने रुआंसे भरे लहजों में कहा कि ब्लड के कारण उसकी मधु दुनिया छोड़ गई। लेकिन, अब कोई दूसरे मधु की मौत खून की कमी से नहीं हो। पति ने उप मुख्यमंत्री से सदर अस्पताल में ब्ल्ड बैंक की व्यवस्था बेहतर और सरल करने की मांग की। सागर ने कहा कि उसने आने वाले नन्हें मेहमान के लिए कई सपने देखे थे। लेकिन, स्वास्थ्य व्यवस्था ने पूरे सपने का पूरा होने से पहले ही चकनाचूर कर दिया। जिस मधु के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का कसमें खाई थी। उसे सरकारी सिस्टम ने तोड़ दिया। सागर ने उप मुख्यमंत्री से सदर अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ और दोषियों पर कार्रवाई की मांग दुहराई।