Tarkishore Prasad reached Bhagalpur: रेशमी शहर में दम तोड़ रहीं योजनाएं, जनता को उपमुख्यमंत्री से आस, इधर भी ध्यान दीजिएगा
Tarkishore Prasad reached Bhagalpur भागलपुर में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद आ चुके हैं। उनका यहां तीन दिवसीय दौरा है। उनके आगनम से जनप्रतिनिधि व्यवसायिक संगठन भी उत्साहित हैं। बदहाल ड्रेनेज सिस्टम व जाम की समस्या से जूझ रहे लोग।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के कदम पडऩे वाले हैं। उनके तीन दिवसीय दौरे को लेकर जनप्रतिनिधि, व्यवसायिक संगठन यहां तक की आमजन भी काफी उत्साहित हैं। सभी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि तारकिशोर प्रसाद शहर की दम तोड़ रही योजनाओं में जान डाल सकते हैं। अगर उन्होंने कुछ सौगात दे दी तो शहर की बदहाली दूर हो जाएगी। इन दिनों शहर बदहाल ड्रेनेज सिस्टम और सफाई व्यवस्था से कराह रहा है। सड़कें अतिक्रमण की जद में हैं। जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। जनसुविधा के नाम पर शहरवासी ठगे से महसूस कर रहें। स्वच्छ पेयजल, आवास, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण का निर्माण कार्य आधा-अधूरा है। स्मार्ट सिटी की योजनाएं भी गर्भ में हैं। निगम प्रशासन की उदासीनता का खामियाजा शहरवासी को झेलना पड़ रहा है। समस्याओं को सुनने व समझने को जिम्मेदार तैयार नहीं हैं।
एसटीपी की योजना फाइलों में, गंगा में गिर रहा नाले का पानी
नमामि गंगे परियोजना के तहत भागलपुर के साहेबगंज में 384 करोड़ से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की योजना चार वर्ष से बन रही है। निविदा भी एक वर्ष पहले अदानी ग्रुप को मिली है। लेकिन तकनीकी पेंच में योजना विभाग स्तर पर उलझकर रह गई। नतीजा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य नहीं होने से गंगा प्रदूषित हो रही है। भागलपुर में छोटे बड़े करीब 80 नालों का पानी गंगा नदी में गिर रहा है। यहां लगभग 65 एमएलडी क्षमता का प्लांट स्थापित किया जाना था।
हथिया नाला पर अतिक्रमण, जलनिकासी पर ब्रेक
शहर के विभिन्न हिस्सों में 14 हथिया नाले का निर्माण कराया गया था। 14 फीट चौड़े और लगभग 20 फीट गहरे नाले से हाथी भी आसानी से गुजर सकता था। पर बढ़ती आबादी के कारण लोगों ने उसे भी अतिक्रमित कर लिया। हथिया नाले के ऊपर बड़े-बड़े बिल्डंग बना लिए। लिहाजा अब वह इतना संकरा हो गया है कि उसकी चौड़ाई सिमटकर मात्र तीन से चार फीट रह गई है। इसकी वजह से जल निकासी की समस्या खड़ी हो गई है। अब तो हथिया नाला पर कालोनी बसा दी गई है। इसका उदाहरण नवाबबाग कालानी से गुजरने वाला नाला है। मंगलवार को डीएम की गाड़ी रोक अतिक्रमण हटाने की लोगों ने मांग की। यह समस्या शहर के सभी आउट फाल की है। बुडको भी शहर में अमृत मिशन योजना के 34 करोड़ की लागत से नाला निर्माण प्राक्कलन को ताक पर रखकर कर रहा है। अतिक्रमण हटाए बिना टेढा-मेढ़ा व सड़क के उपर नाला निर्माण हो रहा है। जिससे निकास की समस्या बनी रहने की उम्मीद है।
शहर की मुख्य समस्याएं - शहर में धड़ल्ले से जारी है अवैध निर्माण, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस - स्थायी अतिक्रमण हटाने की दिशा में निगम ने नहीं की ठोस पहल - हाईटेक और सार्वजनिक शौचालय में लटका है ताला, लोग बेहाल - आवास योजना के लाभुकों का किश्तवार भुगतान रखा जा लंबित - स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय निर्माण के चार वर्ष बाद भी अधूरा भुगतान - निगम में चार माह से फर्जी ट्रेड लाइसेंस की जांच लंबित, वित्तीय अनियमितता का मामला - स्मार्ट सिटी से खरीदे गए डिसिल्टिंग वाहन निगम में फांक रहे धूल - संयुक्त भवन में पोर्टेबल कंपेक्टर व निगम गोदाम में जैविक खाद प्लांट में उग आए जंगल - शहर में स्मार्ट सिटी से लगाए गए 920 सीसी कैमरा बंद, सर्वर कक्ष भी हुआ खराब - चार वर्ष से नहीं खरीदा गया कूड़ादान व वाहन, शहर में पसरी है गंदगी - नगर निगम की अचल संपत्ति पर अतिक्रमण, खाली कराने की कवायद नहीं - जलापूर्ति योजना के कार्य की धीमी रफ्तार, हाउसिंग बोर्ड जलमीनार से नहीं हुई जलापूर्ति - पाइप बिछाने को खोदे गए गड्ढे, नहीं किया मोर्टेबल, सड़कें पड़ गई छोटी