लगन में बढ़ी बनारसी साड़ी की डिमांड, पांच से 25 हजार तक हुआ दाम
शादी विवाह का मौसम शुरू होते ही बाजार में बनारसी साड़ियों की डिमांड बढ़ जाती है। दुल्हन के सोलह श्रृंगार में बनारसी साड़ी का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में हर परिवार दुल्हन का ऐसे मौके पर बनारसी साड़ी का तौफा देना पसंद करते हैं।
जागरण संवाददाता, कटिहार । शादी का मौसम और बनारसी साड़ी बाजार से घर तक चर्चा में रहती है। लगन शुरू होते ही इसकी डिमांड अचानक बढ़ जाती है। इस बार भी बाजार में पांच हजार से लेकर 25 हजार तक के बनारसी साड़ी की खूब बिक्री हो रही है। कोरोना काल में जहां व्यापारियों के चेहरे पर चिंता की लकीर दिख रही थी वहीं लगन शुरू होते ही बाजार में बढ़ी रोनक ने उनके चेहरे पर चमक ला दी है। बाजार में ग्राहकों की बढ़ती भीड़ से शहर गुलजार हो गया है। लोग बनारसी साड़िया सहित विवाह के अन्य जरूरतों का सामाना जम कर खरीद रहे हैं।
दुल्हन के सोलह श्रृंगार में बनारसी साड़ी का विशेष महत्व
दरअसल बनारसी साड़ी की पहचान ही उसकी खूबसूरती से है। मंडप पर दुल्हन के सोलह श्रृंगार की परंपरा के बीच अब परिधान में बनारसी साड़ी की अपनी जगह मजबूत कर ली है। शादी में दुल्हन के लिए ससुराल पक्ष से यह बड़ी व सबसे महत्वपूर्ण सौगात मानी जाती है। 65 वर्षीय ललिता देवी कहती है कि उन्हें शादी में जो बनारसी साड़ी मिली थी, उसे आज भी सहेजकर रखी है। यह अलग बात है कि अब मैं उस साड़ी का उपयोग नहीं करती हूं, लेकिन मेरी जिंदगी की सुनहली यादें उसमें कैद है। अब तो अगर बनारसी साड़ी शादी में अगर ससुराल पक्ष से नहीं मिले तो सास-ससुर को बहुत दिन तक उलाहना सहना पड़ता है।
बाजार में बनारसी साड़िया पांच से 25 की कीमत तक उपलब्ध
कपड़ा व्यवसायियों के अनुसार न्यूनतम पांच हजार से पच्चीस हजार तक की बनारसी साड़ी बाजार में उपलब्ध है।शादी के लिए स्ट्रोन बनारसी साड़ी की ज्यादा मांग होती है।इसके आलावा सिल्क बनारसी ,जड़ी बनारसी सहित कई रंग व विभिन्न डिजाईन में यह उपलब्ध है। हिंदू हो या मुस्लिम अब हर समाज में शादी में इसकी खूब डिमांड रहती है। वृद्ध कृंष्ण कांत झा ने कहा कि इसके पीछे कोई धार्मिक तर्क नहीं रहते हुए यह एक मजबूत परंपरा बन चुकी है। लड़के वाले भी दुल्हन की सौगात में इसे अव्वल स्थान पर रखते हैं।