दीपावली 2021: भागलपुर में सज गईं झालर और पटाखे की दुकानें, दुकानदारों को है बहुत उम्मीद

दीपावली 2021 दीपावली को लेकर भागलपुर में पहल-पहल बढ़ गई है। रंग-विरंगी और स्वेदीश झालरों से दुकानदारों को है उम्मीद। इस बार चीन से झालर का आयात लगभग नहीं के बराबर है। पटाखे की दुकानों की भी अधिककता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:57 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:57 AM (IST)
दीपावली 2021: भागलपुर में सज गईं झालर और पटाखे की दुकानें, दुकानदारों को है बहुत उम्मीद
भागलपुर में दीपावली पर जोरों की तैयारी चल रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना से त्रस्त लोगों में अब दीपावली की खुशी देखी जा रही है। हो भी क्यों नहीं, करीब दो वर्षों के बाद त्योहार मनाने का अवसर जो मिला है। लोग यही मना रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आए। दीपावली को लेकर बाजार में पहल-पहल बढ़ गई है। रंग-विरंगी झालरों से दुकानें सज गई हैं। हालांकि कोरोना का असर अभी भी कम नहीं हुआ है। इस बार चीन से झालर का आयात लगभग नहीं के बराबर है। गत वर्ष बचे चीन के झालरों को ही दुकानों में रखा गया है। ज्यादातर स्वेदीश झालर ही दुकानों में लगाई गई है। हालांकि अभी तक पटाखों की बिक्री तेज नहीं हुई है। बाहर के व्यापारी भी पटाखे खरीदने कम आ रहे हैं। शाह माकेंट से लेकर सुजागंज की दुकानें झालरों से पटी हुई हैं।

इस बार झालर की बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद

शाह मार्केट में एलईडी शाप के दुकानदार धीरज कुमार काफी उत्साहित हैं। उन्हें इस बार झालरों की ज्यादा बिक्री होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मेरे पास स्वेदेशी झालर ही हैं जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। पिछले वर्ष कोरोनाकाल की वजह से दीपावली की बाजार में मंदी थी। बची हुई झालरों की वजह से चायनीज झालर नहीं मंगाए गए। एलइडी झालर के तरफ लोग आकर्षित हैं। ज्यादातार दुकानों में इन्हीं झालरों को रखा गया है। इसके अलावा डिस्प्ले बोर्ड की बिक्री भी होने की संभावना है। 80 प्रतिशत स्थानीय रंग-विरंगी रोशनी वाले बल्ब, झालर दुकानों में रखे गए हैं। 30 रुपये से लेकर 80 रुपये के झालरों की बिक्री हो रही है।

छोटू ने कहा कि दो वर्षों से दुकानदारों की कमाई ठप रही है। इस बार बिक्री ज्यादा होने की संभावना है। दुकानों में चीन के बचे झालरों के स्टाक को रखा गया है। साथ ही स्वेदेशी झालर भी हैं। अभी से ग्राहक दुकानों में आ रहे हैं। साथ ही धीरे-धीरे बिक्री भी बढ़ रही है। हरे, लांल, पीले आदि रंगों के रूप लाइट झालर ज्यादा बिक रहे हैं। शाह मार्केट से लेकर बाजारों में सैकड़ों दुकानों में रंग-विरंगी रोशनी वाले बल्ब और झालर रखें गए हैं।

अभी पटाखों की बिक्री मंद है

पटाखों की बिक्री अभी परवान नहीं चढ़ी है। वेरायटी चौक के समीप लगभग 10 दुकानों में पटाखों की बिक्री होती थी, लेकिन ग्राहकों से दुकानें खाली हैं। दुकानदारों के चेहरे पर तत्काल उदासी स्पष्ट दिखाई दे रही है। 80 वर्षीय हरि प्रसाद कई दशकों से पटाखों की बिक्री करते आए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से बिक्री प्रभावित रही तो अब महंगाई की वजह से बिक्री प्रभावित हो सकती है। दीपावली के एक माह पहले से व्यापारी पटाखे खरीदने आते थे, अभी उनकी संख्या काफी कम है। पटाखे बिक्री करने के लाइसेंस भी है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से पटाखे मंगवाए जाते हैं। इस बार कम पटाखे मंगाए गए हैं।

वहीं, दुकानदार कैलाश को कोरोना की तीसरी लहर का भय सता रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से भी बिक्री प्रभावित हो रही है। ग्राहकों का आना कम हो गया है। आसपास के कई जिलों के व्यापारी पटाखे खरीदते हैं, इस बार उनकी संख्या भी कम है।

अभी तक नहीं मिला लाइसेंस

पटाखा के थोक विक्रेता विनय कुमार डोकानिया ने कहा कि स्थाई रूप से सात दुकानदारों को पटाखा बिक्री करने का लाइसेंस है। मार्च में ही रिन्युअल होता है, लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है। वहीं अस्थायी रूप से पटाखा बिक्री करने वाले कई दुकानदार हैं, उन्हें दीपावली के तीन-चार दिन पहले लाइसेंस मिलता है। उन्होंने कहा कि पटाखा शिवाकाशी से मंगाए जाते हैं। कोरोनाकाल की वजह से 50 प्रतिशत फैक्ट्रियां बंद हो गई हंै। सामान्यत: केवल भागलपुर में एक करोड़ रुपये के पटाखा की बिक्री होती थी, इस बार 25 फीसद बिक्री होने की संभावना है।

बस और ट्रेन से पटाखा लाना खतरनाक

चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारी आशीष सर्राफ ने कहा कि कुछ लोग ट्रेन और बस द्वारा भी पटाखा ला रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। इसपर प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए।

chat bot
आपका साथी