दीपावली 2021: गोबर के दीये से रोशन होंगे घर-आंगन, भागलपुर आकर आप भी खरीद लें, पर्यावरण की होगी रक्षा, स्वदेशी संदेश
इस बार दीपावली में गोबर के दीये का प्रयोग किया जाएगा। नवगछिया के मनकेश्वर सिंह के बनाए गोबर के दीये से घर-आंगन रोशन होंगे। उन्होंने गोबर से दीये गमला अगरबत्ती स्टैंड बना कर रोजगार कर रहे हैं। स्वदेशी भाव भी जागृत होगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नवगछिया अनुमंडल के दौनिया टोला पकड़ा गांव निवासी मनकेश्वर सिंह के बनाए गोबर के दीये से घर-आंगन रोशन होंगे। मनकेश्वर गांव में ही गोबर से दीये, गमला, अगरबत्ती स्टैंड बना कर रोजगार कर रहे हैं। दूध बेचने के साथ अब अपने प्रोडक्ट को बेच रहे हैं। हालांकि सबौर कृषि विश्वविद्यालय और कृषि भवन तक इनके बनाएं गमले और दीये पहुंच गए हैं। गांव में इनके दीये और गमले की उतनी मांग नहीं है लेकिन शहर में लोग इनके दीये को खरीद रहे हैं।
कैसे तैयार करते हैं गोबर से गमले
किसान मनकेशवर सिंह ने बताया कि दीये तैयार करने के लिए पिसा हुआ अरवा चावल, गोबर, गोमूत्र एवं ग्वार का गोंद मिलाते हैं। 2 किलो गोबर में पच्चीस दीये तैयार हो जाते हैं। एक दीये को बनाने में चार से पांच रुपये तक का खर्च आता है। रंगने में भी खर्च होता है। रंगने के बाद एक दीये को दस रुपये तक बेचते हैं।
क्या कहते हैं किसान मनकेश्वर
किसान मनकेश्वर ने बताया हमने कहीं से इसे बनाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली। गांव में बनने वाले उपले को देखा और मन में आया गोबर को अन्य तरीके से उपयोग किया जा सकता है। एक दिन मिट्टी के दीये को लेकर उस पर गोबर का लेप लगाकर सूखा दिया। सूखने के बाद गोबर का दीया बन गया, लेकिन उसमें मजबूती नहीं थी। फिर अरवा चावल और ग्वार का गोंद को गोबर में मिलाया। मिट्टी के दीये को सांचे के रूप में उपयोग करके दीया बनाया। सूखने के बाद दीपक काफी मजबूत हो गया। चावल और गोंद मिलने के कारण पानी डालने के बाद भी दीया नहीं टूटा। धीरे-धीरे दीये को बनाना शुरू कर दिया। शुरुआत में तो लोगों ने दीये को लेने से इंकार कर दिया। जब यह समझाया कि मिट्टी के बनाए दिए गलते नहीं हैं। गोबर के बने दीये को बागबानी में उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि वह फिर मिट्टी हो जाएगा। मनकेश्वर ने बताया कि गोबर का दीया बनाने के लिए कोई सीखना चाहेगा तो उसे भी बता देंगे।
जिला कृषि अधिकारी कृष्णकांत झा बताते हैं कि किसानों के द्वारा अगर गोबर से या अन्य किसी प्राकृतिक सामग्री से कोई वस्तु तैयार किया जाता है तो यह काफी सराहनीय कार्य है। हम लोग भी इसमें किसानों को सहयोग करेंगे। किसानों को इस कार्य में किसी भी तरह का परेशानी ना हो। गोबर खेतों के लिए हमेशा उपयोगी है। किसान मेले में इनके प्रोडक्ट की जानकारी अन्य किसानों को देंगे। ताकि सभी किसान इसका लाभ उठा सके।