लखीसराय में नक्सली चंगुल से मुक्त हुआ दीपक, लेकिन कैसे; नहीं बता रहे उसके पिता
लखीसराय में शनिवार की रात एक डीलर के पुत्र दीपक कुमार का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। तीन दिन के बाद उसे छोड़ दिया गया। अपहरण के बाद पुलिस और नक्सलियों में फायरिंग हुई थी। जिसमं एक नक्सली मारा गया था।
संवाद सूत्र, पीरी बाजार (लखीसराय)। लखीसराय जिले के पीरी बाजार थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित चौकरा गांव से शनिवार की रात नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए जन वितरण विक्रेता भागवत प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार को नक्सलियों से मुक्त कर दिया है। अपहरण के 48 घंटे के बाद सोमवार की रात करीब 11 बजे नक्सलियों की चंगुल से मुक्त होकर घर आ गया। अपहृत युवक के सकुशल लौटने से स्वजनों में खुशी है। अपहृत के पिता भागवत प्रसाद ने बताया कि मेरे बेटे को कजरा के जंगलों में मुक्त किया गया।
वहां से वह किसी तरह कजरा स्टेशन तक पैदल चलकर पहुंचा तब उसने किसी के माध्यम से घर में सूचना दी। तब उसे वहां से उसे लाया जा सका। खाली पैर चलने की वजह से उसके पैर में फफोले हो गए हैं। भूखे प्यासे उसकी हालत थकान सी है। विदित हो कि शनिवार की रात भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के हथियारबंद दस्ते ने उसे अपने घर से अगवा कर लिया था। इस दौरान पुलिस एवं नक्सली संगठन के बीच मुठभेड़ हो गया था जिसमें एक हार्डकोर नक्सली प्रमोद कोड़ा मारा गया था।
इधर संबंधित मामले में पीरी बाजार थानाध्यक्ष प्रजेश कुमार दूबे ने बताया कि पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई एवं संभावित ठिकानों पर की जा रही कार्रवाई का नतीजा है कि मजबूर होकर नक्सलियों ने दीपक को रिहा कर दिया। थानाध्यक्ष के अनुसार दीपक की तलाश में पुलिस एवं एसटीएफ की टीम लगातार अभियान चला रही थी। ऐसे में अपहृत को छिपाकर रखना उनके लिए मुश्किल हो गया था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों ने दीपक को मुक्त कर दिया। अपने सहयोगी के मारे जाने से नक्सली बैकफुट पर है। उसके हौसले पस्त हैं। उधर लेवी देने के बाद दीपक को मुक्त किए जाने की चर्चा है।
दीपक की रिहाई को भले ही पुलिस अपनी सफलता व कार्रवाई का नतीजा मान रहा हो लेकिन ग्रामीणों में चर्चा है कि दीपक को लेवी लेकर ही मुक्त किया गया है। परिवार के सदस्य इस मामले कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। उनके अनुसार पुलिस की दबिश में दीपक को मुक्त किया गया है।