दशकों बाद फिर गोलियों से थर्राया बिहार का मिनी चंबन, 90 के दशक में खूब गरजती थीं बंदूकें

दशकों बाद बिहार का मिनी चंबल फ‍िर गोलियों से थर्रा उठा है। तीन दशक पहले तक यहां पर खूब बंदूकें गरजती थीं। लेकिन हाल के दिनोंं में यह इलाका शांत हो गया था। डेढ़ दशक पूर्व दो अपराधियों ने...!

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:03 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:03 PM (IST)
दशकों बाद फिर गोलियों से थर्राया बिहार का मिनी चंबन, 90 के दशक में खूब गरजती थीं बंदूकें
दशकों बाद बिहार का मिनी चंबल फ‍िर गोलियों से थर्रा उठा है। सांकेतिक तस्‍वीर।

सुपौल [संजय वर्मा]। सुपौल और मधेपुरा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र तथा कोसी क्षेत्र का मिनी चंबल कहलाने वाले टेंगरहा, भोकराहा तथा महोलिया में एक बार फिर बंदूकें गरज उठी। बता दें कि मधेपुरा तथा सुपौल जिला के इन क्षेत्रों का अपराध की दुनिया से चोली-दामन का रिश्ता रहा है। पूर्व से ही यह इलाका अपराधियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगार माना जाता रहा।

हालांकि 90 के दशक में तत्कालीन आइजी की पहल पर इस क्षेत्र के काफी संख्या में अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद काफी दिनों तक इस क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण रहा। उसके बाद त्रिवेणीगंज के तत्कालीन डीएसपी उपेंद्र ङ्क्षसह के प्रयास पर 2006 में अनूपलाल यादव महाविद्यालय के प्रांगण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष भी काफी संख्या में अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया। इधर सोमवार की अलसुबह हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी की घटना से एक बार फिर से इलाका थर्रा उठा है। हालात यह है कि इस घटना को लेकर कोई व्यक्ति घटना के कारणों के संबंध में कुछ भी बताने से कतरा रहा है। जहां मेला लगा था वहां वीरानी छाई हुई है।

-90 के दशक से पहले छोटा चंबल कहलाता था इलाका, बात-बात पर गरज उठती थी बंदूकें

-2006 और उससे पहले कुल दो बार इस इलाके के अपराधियों ने किया था आत्मसमर्पण

दरअसल हुआ यह कि थाना क्षेत्र की पिलवाहा पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 17 महोलिया चौक पर अनंत पूजा मेला का आयोजन किया गया। मेले को प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई थी बावजूद इसके मेेले में नाच का आयोजन किया जा रहा था। सोमवार की अलसुबह मोटर साइकिलों पर सवार होकर 40-50 की संख्या में अपराधी पहुंचे और नाच के मंच पर चढ़कर फायङ्क्षरग शुरू कर दी। इस दौरान फायङ्क्षरग को रोकने पहुंचे दो लोगों को अपराधियों ने गोली मार दी। इसके बाद अपराधी मंच से उतरे तथा मोटर साइकिलों पर सवार होकर अंधाधुंध फायङ्क्षरग करते हुए निकल भागे।

गोली से जख्मी लोगों को तत्काल त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। घायलों का इलाज सहरसा में चल रहा है। घटना बाद कुछ ही देर में मेला उजाड़ हो गया। यहां अपनी दुकान लगाए दुकानदार भागे। लोगों के डर का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि दुकानदारों को सामान समेटकर भागने के क्रम में इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि वे जो सामान ले जा रहे हैं वह गिर रहा है। चारों ओर दुकानदारों के सामान बिखरे पड़े थे।

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