ओस की बूंद सी होती है बेटियां, जानिए बेटी के महत्‍व पर बुद्विजीवियों का विचार

संतुलित समाज के निर्माण में बेटी का विशेष महत्‍व है। बेटी ओस की बूंद सी होती है। आज वह जीवन के हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। हालांकि कुछ सामाजिक कुरीतियां बेटी के सपनों पर अंकूश लगाने का काम करती है। जिसका बहिष्‍कार होनी चाहिए।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:42 PM (IST)
ओस की बूंद सी होती है बेटियां, जानिए बेटी के महत्‍व पर बुद्विजीवियों का विचार
बालिका के बिना संतुलित समाज की स्थापना असंभव

जागरण संवाददाता, जमुई । राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर नगर परिषद स्थित कल्याणपुर में समाज में बालिका का महत्व विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षक दिनेश मंडल ने की। केकेएम कॉलेज के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष एवं मुंगेर विश्वविद्यालय के वित्तीय सलाहकार डॉ. गौरी शंकर पासवान ने कहा कि बेटियां ओस की बूंद सी होती हैं। वे सदा मां बाप के दर्द में हमदर्द होती हैं । अगर बेटा आंख है, तो बेटियां पलक होती हैं । उन्होंने कहा कि बालिका के बिना संतुलित समाज की स्थापना असंभव है।

सामाजिक कुरीतियों को समाप्‍त करने के लिए लोगों को करें जागरूक

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों के प्रति जन जागरूकता लाना और इस घिनौने अपराध के खिलाफ आवाज उठाना है। आज बेटियां हर क्षेत्रों में सफलता की झंडा लहरा रही है। किरण बेदी ,सानिया मिर्जा ,सानिया नेहवाल, श्रेयसी सिंह, ऐश्वर्या राय ,प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता और एकता कपूर इत्यादि बेटियां आज के बालिकाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है ।

बालिका समाज की धरोहर

प्रो सरदार राम ने कहा कि बालिका ही समाज की धरोहर हैं । उनकी रक्षा ,सुरक्षा वर्तमान समय की जरूरत है द्य बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि बालिकाओं को सुशिक्षित बनाकर देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाया जा सकता है और सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार भी किया जा सकता है।

बेटियां दो कुलों की नाज

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभात कुमार भगत ने कहा कि बेटा सिर्फ एक ही कुल का रोशन करता है। किंतु बेटियां तो दो-दो कुलों की नाज होती है । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय अभियान वास्तव में कई समस्याओं में सहायक साबित हो सकता है ।वरिष्ठ शिक्षक दिनेश मंडल ने कहा कि देश की मजबूती और विकास के लिए बालिकाओं की पढ़ाई लिखाई और साक्षरता बहुत जरूरी है ।

शिक्षा और सुरक्षा आवश्‍यक 

इतना ही नहीं देश की बेटियों की सुरक्षा भी आवश्यक है । इसमें कोई दो मत नहीं की बेटियों को पढ़ा कर और उन्हें बचा कर ही हमें एक सफल और सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं। आज की बेटियां किसी से कम नहीं है। जरूरत है उन्हें सुरक्षा और शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र की मुख्यधारा से जोडऩे की। मौके पर अधिवक्ता रामचंद्र रविदास, शिक्षक मंटू पासवान, श्याम सुंदर तथा अतुल कुमार आशीष कुमार तथा कई छात्र और छात्राएं उपस्थित थे।  

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