कोसी की लाइफलाइन पर मंडरा रहा खतरा, बाढ़-बरसात से पहले कटाव रोधी कार्य कराने की जरूरत

बीपी मंडल सेतु यानी कोसी की लाइफलाइन पर खतरा मंडरा रहा है। यदी समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई तो इसके गंभीर परिणाम लोगों को भुगतने पड़ सकते हैं। स्थानीय लोगों ने इस बारे में प्रशासन को कई बार अगाह किया लेकिन अब तक नजर नहीं दिया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 03:40 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 03:40 PM (IST)
कोसी की लाइफलाइन पर मंडरा रहा खतरा, बाढ़-बरसात से पहले कटाव रोधी कार्य कराने की जरूरत
बीपी मंडल सेतु यानी कोसी की लाइफलाइन पर खतरा मंडरा रहा है।

जागरण टीम, खगडिय़ा। एनएच 31 स्थित कोसी-बागमती के संगम पर बना बीपी मंडल सेतु कोसी की लाइफ लाइन माना जाता है। तीन- चार महीना पहले इस लाइफ लाइन पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। कोसी यहां तेजी से कटाव करने लगी थी। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बड़े पैमाने पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य करा स्थिति पर नियंत्रण पाया। तत्काल तो नियंत्रण पा लिया गया, परंतु खतरा बरकरार है। स्थानीय लोगों ने इस बारे में प्रशासन को कई बार अगाह किया, लेकिन इस पर प्रशासन ने अब तक नजर नहीं दिया है। नतीजा यहां के लोगों को गंभीर परिणाम भूगतने पड़ सकते हैं।

कोसी की धारा मुडऩे बाद पैदा हुआ संकट

बीपी मंडल सेतु के डुमरी प्वाइंट से तीन किलोमीटर दूर तेलिहार के पास कोसी की धारा मुड़ गई है। इससे जमींदारी बांध पर खतरा मंडराने लगा है। डुमरी जमींदारी बांध ही बीपी मंडल सेतु का सहरसा की तरफ से पहुंच पथ है। तीन-चार महीने पहले यहां कटाव का खतरा पैदा होने पर कटाव निरोधी कार्य कराया गया। यहां पूर्ण कटाव निरोधक कार्य चलाने के लिए विभाग की ओर से पटना प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अबतक उसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है। अगर बाढ़-बरसात पूर्व यहां कटाव निरोधी कार्य नहीं किया गया, तो मुश्किलें आ सकती है। हालांकि, तेलिहार जमींदारी बांध के पास कटाव निरोधक कार्य चलाने को लेकर टेंडर हो चुका है। परंतु, डुमरी की स्वीकृति नहीं मिली है। जिस कारण आशंका के बादल नहीं छंटे हैं।

बीपी मंडल सेतु के पहुंच पथ पर तीन- चार माह पहले कटाव उत्पन्न होने पर कार्य कराया गया था। सरकार के संज्ञान में भी यह है। बाढ़-बरसात से पूर्व यहां कटाव निरोधक कार्य चलाने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है। स्वीकृति नहीं मिली है। हालांकि बाढ़-बरसात को देखते हुए पूरी तैयारी रहेगी। जरूरत पडऩे पर फ्लड फाइङ्क्षटग कार्य कराया जाएगा। गणेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगडिय़ा।

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