Cyclone Yaas ALERT: भागलपुर में 'यास' का असर, काले बादलों से घिरा आसमान, हवा की गति भी हुई तेज

भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में आज से तीन दिनों तक तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है। इसको लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बुधवार सुबह से ही आसमान में काले बादलों का जमघट लगा रहा।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 07:10 AM (IST)
Cyclone Yaas ALERT:  भागलपुर में 'यास' का असर, काले बादलों से घिरा आसमान, हवा की गति भी हुई तेज
भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में आज से तीन दिनों तक तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है।

संवाद सहयोगी ,भागलपुर।  भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान 'यासÓ का असर दिखने लगा है। बुधवार की अहले सुबह से ही चारो ओर बादल छाये हुए हैं। दिन में ही शाम जैसी स्थिति हो गई थी। कई इलाकों में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हो रही है। आसमान में बादलों की जमघट लगी हुई है। ऊंचे स्थानों पर तेज हवाएं भी महसूस हो रही है।

क्या कहा मौमस विज्ञानियों ने

मौसम विज्ञानियों की मानें तो उड़ीसा के समुद्री तट पर चक्रवाती तूफान के टकराने के बाद यह झारखंड की ओर अपना रुख करेगा। वहां से होते हुए गुरुवार की सुबह तक भागलपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रवेश करेगा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आज भागलपुर में तेज हवा के साथ बारिश होगी। बिजली चमकेगी, वज्रपात के भी होने की संभावना है।

मई में हो चुकी है रिकॉर्ड बारिश

मई में भागलपुर में अब तक रिकॉर्ड 200 मिलीमीटर के आसपास बारिश हो चुकी है। आज से तीन दिनों तक इस तूफान का असर दिखेगा।

तीन दिनों में 200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश होने की संभावना

भागलपुर में अगले तीन दिनों में तेज हवाओं और बादलों की गर्जना के साथ 200 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। चक्रवाती तूफान और आकाशीय बिजली से होने वाली संभावित क्षति को लेकर मौसम विभाग ने सभी लोगों को घरों में सुरक्षित रहने को कहा है।

खतरनाक बनता जा रहा है यास

खतरनाक बन रहे यास तूफान से अलर्ट करते हुए बीएयू के प्रसार शिक्षा के सह निदेशक डॉ. आरएन ङ्क्षसह ने किसानों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी है। कहा कि यास तूफान की विक्रालता बढ़ती जा रही है। बिहार में दस्तक देते ही तेज हवा के साथ बारिश होगी जिससे फसलों को नुकसान होगा। ऐसे में किसान खेतों में नहीं जाकर अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहें। आम के बाग में बागवान नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है। इसे रोक पाना किसी के बस में नहीं है। लेकिन इससे सुरक्षित रहने का प्रयास जरूर किया जाना चाहिए।  

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