झारखंड से साइबर ठगों की बिहार में एंट्री, जमुई में अपराधी मजबूत कर रहे अपना नेटवर्क
झारखंड होते हुए साइबर ठग बिहार में प्रवेश कर गए हैं। जमुई में वे हाल के दिनों में अपना नेटवर्क मजबूत करने में जुटे हैं। ठगों का नेटवर्क चकाई के बाराडीह एवं खैरा के झुंडों तक फैला है। झुंडो गांव में एक दर्जन युवा साइबर अपराध में संलिप्त हैं।
जमुई [मणिकांत]। वैसे तो बैंक खाता खाली कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का काला कारोबार झारखंड के जामताड़ा से शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे इस साइबर अपराध ने गिरीडीह से होकर जमुई के भी कई इलाकों में पांव पसार लिया है। ठगों का नेटवर्क चकाई के बाराडीह एवं खैरा के झुंडों तक फैला है। झुंडो गांव में एक दर्जन युवा साइबर अपराध में संलिप्त हैं। इनमें अधिसंख्य एक ही परिवार के हैं। ये ग्रामीणों के खाते से पैसे उड़ा चुके हैं। पीडि़तों द्वारा इसकी शिकायत भी पुलिस से की गई, लेकिन कार्रवाई शिथिल है। इस साल के जनवरी माह से लेकर अब तक विभिन्न थानों में साइबर अपराध के लगभग 150 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अधिकांश मामलों में पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई है।
चकाई के बाराडीह से चार युवकों को दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
इसी साल के 27 अगस्त को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम स्पेशल की सात सदस्यीय टीम ने चकाई थाना क्षेत्र के बाराडीह गांव में छापेमारी कर अशोक वर्मा, संजय वर्मा, अभिषेक वर्मा व राजू शर्मा को गिरफ्तार किया था। उस वक्त दिल्ली साइबर क्राइम स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर विजेंद्र यादव ने बताया था कि गिरफ्तार लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आंगनबाड़ी सोशल वर्कर को फोन कर अपना परिचय स्वास्थ्य विभाग के प्रधान कार्यालय के वरीय अधिकारी डा आरके सिन्हा के रूप में देते थे और प्रधानमंत्री मातृत्व योजना से छह हजार रूपये दिलाने की बात कर उनके फोन से ओटीपी ले लेते थे। इसके बाद उनके खाते से सारा पैसा गायब कर देते थे। जांच में इन लोगों द्वारा दो सौ लोगों से लगभग 50 लाख रूपये की ठगी की बात सामने आई थी।
झुंडो के भी दर्जन भर युवा साइबर अपराध में संलिप्त
खैरा थाना क्षेत्र के झुंडो गांव के एक दर्जन युवक साइबर अपराध में संलिप्त हैं जिसमें अधिकांश एक ही परिवार के बताए जाते हैं। ये लोग भोले-भाले ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बना चुके हैं। गांव के वैसे लोग जो ठगी के शिकार हुए हैं, उनके द्वारा थाने में केस भी दर्ज कराया गया है लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं होने की वजह से ठगी के शिकार लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है। बता दें कि पिछले साल यूपी की प्रयागराज पुलिस ने उक्त गांव में छापेमारी कर रूपेश कुमार नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में रूपेश ने साइबर अपराध से जुडे गांव के अन्य साथियों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी थी।
कई बार लोग समय पर केस दर्ज नहीं कराते। दक्ष पुलिसकर्मियों और संसाधन की कमी के कारण अनुसंधान में परेशानी होती है। बावजूद ऐसे मामले में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है। किसी भी हाल में साइबर अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। -प्रमोद कुमार मंडल, एसपी, जमुई।