थानाध्यक्ष की हनक से ताख पर जमानत आदेश

नाथनगर अंचल के मधुसूदनपुर के थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार अदालत के जमानत आदेश को ही ठेंगा दिखा महकमे की भद पिटवा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 03:30 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 03:30 AM (IST)
थानाध्यक्ष की हनक से ताख पर जमानत आदेश
थानाध्यक्ष की हनक से ताख पर जमानत आदेश

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]

नाथनगर अंचल के मधुसूदनपुर के थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार अदालत के जमानत आदेश को ही ठेंगा दिखा महकमे की भद पिटवा दी है। कोरोना संक्रमण काल के दौर में मधुसूदनपुर थाने में दर्ज केस संख्या 60-20 अरुण कुमार बनाम बिहार सरकार के मुकदमे में अरुण कुमार झा समेत पांच आरोपितों की अंतरिम अग्रिम जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।

अदालत ने जमानत अर्जी 23 मार्च 2020 और 15 मई 2020 को अलग-अलग आरोपितों को जमानत दे दी। चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा ने आदेश में साफ कर दिया कि थानाध्यक्ष जमानत पाए आरोपितों की थाने पर बंध पत्र स्वीकार कर लें। न्यायाधीश ने आवेदक आरोपितों को यह आदेश् दिया कि सात दिनों के अंदर बंध पत्र जमा करें। उन्हें बाद में न्यायायल में फ्रेश अर्जी देने का आदेश नियमित जमानत के लिए भी अर्जी देने की स्वतंत्रता दी। न्यायालय ने केस के जांच पदाधिकारी को कई दिशा-निर्देश भी अपने अंतरिम अग्रिम जमानत आदेश में दिया है। लेकिन अदालत की तरफ से जारी जमानत आदेश और उनमें दिए गए दिशा-निर्देश का अवलोकन करने के बजाय जमानत पाए आरोपितों को थाने से लौटा दिया। मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष ने जमानत आदेश निर्गत होने की तिथि के दूसरे दिन से ही आरोपित बंध पत्र थाने में देने के लिए चक्कर लगाते रहे लेकिन थानाध्यक्ष ने बंधपत्र नहीं लिया। जब भी आवेदक थाने जाते उनकी तरफ से दाखिल बंध पत्र थानाध्यक्ष लेने के बजाय उन्हें फटकार कर भगा दे रहे हैं। आवेदक आरोपितों ने थाने में अदालत के आदेश के अनुपालन में थानाध्यक्ष की तरफ से आनाकानी करने पर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे थानाध्यक्ष की मनमानी से अवगत कराया। अदालत ने आवेदकों को आश्वस्त किया कि उनकी अर्जी पर अदालत ने पहले ही निर्णय दे दिया है। थानाध्यक्ष या जांचकर्ता को इस केस में अदालत के जमानत आदेश का अनुपालन करना है। अदालत ने आवेदक आरोपितों के प्रार्थना पत्र पर कोई दूसरा आदेश नहीं दिया। यह कहा कि पूर्व के आदेश का अनुपालन पुलिस पदाधिकारियों को करना है।

क्या है मामला

मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र से जुड़े धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में दर्ज केस में गांव-गोतिया के जमीन से जुड़ा विवाद था। फर्जी बंटवारानामा बनाने और धोखाधड़ी करने जैसे गंभीर आरोप में केस दर्ज किया गया था।। इधर मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने पूछे जाने न्यायालय के आदेश में तकनीकी दिक्कत है इसलिए बंधपत्र स्वीकार नहीं किया। हालांकि, थानाध्यक्ष ने अदालत के आदेश में तकनीकी दिक्कत के बारे में अदालत या अपने वरीय पदाधिकारियों को जानकारी तक नहीं दी। बल्कि जमानत पाए आरोपित पीड़ित के रूप में एक साल से थाने की चक्कर लगा रहे हैं।

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