खोइंछा भराई भरने के लिए मंदिरों में उमड़ी महिलाएं, महानवमी आज

भागलपुर। शहर और आसपास के तमाम दुर्गा मंदिरों में मां दुर्गा का दर्शन व पूजा अर्चना के लिए श्रद्ध

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:42 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:42 AM (IST)
खोइंछा भराई भरने के लिए मंदिरों में उमड़ी महिलाएं, महानवमी आज
खोइंछा भराई भरने के लिए मंदिरों में उमड़ी महिलाएं, महानवमी आज

भागलपुर। शहर और आसपास के तमाम दुर्गा मंदिरों में मां दुर्गा का दर्शन व पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का शनिवार को तांता लगा रहा। बुढ़ानाथ मंदिर, परबत्ती, आदमपुर, लाजपत पार्क, जोगसर मेन रोड, बड़ी खंजरपुर, छोटी खंजरपुर, साहेबगंज, अलीगंज, मोदीनगर आदि मंदिरों में खोइंछा करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि कोरोना वायरस से बचाव के लिए महिलाएं मास्क पहनकर और शारीरिक दूरी का पालन कर रही थीं। मंदिरों में पूजा समिति द्वारा सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था की गई थी। सुबह से ही दुर्गा मां के मंदिरों में महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी। काफी उत्साह और श्रद्धा से मां की पूजा-अर्चना की जा रही थी।

मंदिरों में पुजारी और पूजा समिति करती रही कतार बद्ध

पंडितों के द्वारा संकल्प के साथ खोइंचा भराई का कार्यक्रम हो रहा था। परबत्ती दुर्गा मंदिर में मनोज पुजारी, आदमपुर में आनंद मिश्रा और गुड्डू दुबे, बड़ी खंजरपुर में अजीत यादव, साहेबगंज में शशि भारती, मोदीनगर में राकेश केसरी, जोगसर में ओम प्रकाश मंडल, लाजपत पार्क में अश्वनी गुप्ता अपने तमाम समिति के सदस्यों के साथ श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करते हुए पूजा-अर्चना करा रहे थे। पुरा शहर भक्ति भाव से ओतप्रोत देखने को मिल रहा था।

महानवमी आज, होगी पूर्णाहुति

नवरात्र की पूर्णाहुति का हवन, कन्या पूजन आज रविवार को किया जाएगा। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि आज की उपासना से मां सर्व सिद्धि प्रदान करती हैं। सोमवार को विजयदशमी मनाया जाएगा।

हवन का मुहूर्त

नवरात्रि की नवमी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर शनिवार को सुबह 6 बजकर 58 मिनट से हुआ जो रविवार की सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। नवमी रविवार को पूरे दिन मनाया जाएगा। नवमी का हवन सुबह से शाम तक कभी भी किया जा सकेगा।

कोरोना का दिख रहा असर

कोरोना महामारी को लेकर दुर्गा पूजा में असर दिख रहा है। चहल-पहल और रौनक गायब है। शाम होते ही मां दुर्गा का दर्शन करने और मेला देखने के लिए शहर में जहां अष्टमी से जन सैलाब उमड़ता था, लेकिन इस बार कम लोग पूजा के लिए आ रहे हैं। मंदिरों के आसपास अस्थाई खानपान, खिलौना, श्रृंगार आदि की दुकानें नहीं सजी हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो अब तक किसी भी आपदा की घड़ी में दुर्गोत्सव पर असर नहीं पड़ा था। पहली बार इस प्रकार से दुर्गा पूजा संपन्न हो रहा है।

कल होगा विसर्जन, अबतक तालाब का निर्माण नहीं

जिला प्रशासन ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं के लिए 26 अक्टूबर को विसर्जन करना सुनिश्चित कर दिया है, लेकिन जहां विसर्जन किया जाएगा उस तालाब का अभी तक निर्माण नहीं कराया गया है। दुर्गा महासमिति के संयोजक विनय कुमार सिन्हा ने प्रशासन से तालाब निर्माण कराने की मांग किया है ताकि विसर्जन व्यवस्था व्यवस्थित ढंग से गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जा सके।

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