133 साल पुराने खगडि़या गोशाला पर मंडरा रहा खतरा! लोगों की मदद से जुट रहा गाय के चारा
खगडि़या के 133 साल पुराने गोशाला पर संकट मंडरा रहा है। यहां पर गायों के लिए चारा तक की किल्लत हो गई है। चारा के लिए लोग सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में यहां पर व्यवस्था चरमराने लगी है। साथ ही...!
जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। 133 वर्ष पुराना है खगडिय़ा गौशाला। यह गौशाला अपने में भव्य इतिहास को समेटे हुए हैं। यहां के गोपाष्टमी मेला की सूबे में पहचान है। जो छठ के प्रात:कालीन अघ्र्य के दूसरे दिन से शुरू होता है। सात दिनों तक यह मेला चलता है।
गौशाला की आमदनी का मुख्यश्रोत गोपाष्टमी मेला
खैर, खगडिय़ा गौशाला की आमदनी का मुख्य श्रोत गोपाष्टमी मेला है। लेकिन बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं लगा। इससे यहां की गायें, बाछा-बाछी और सांढ़ के रखरखाव व भोजन-पानी पर संकट मंडराने लगा है। यहां 178 पशुधन हैं। फिलहाल गौशाला कमेटी स्थानीय लोगों के सहयोग से गौशाला का संचालन कर रही है। गौशाला कमेटी की ओर से एक ई-रिक्शा शहर में प्रतिदिन घुमाया जा रहा है।
जिस पर श्रद्धालु गाय के लिए रोटी आदि रख देते हैं। जिससे गायों के भोजन में सहूलियत हो रही है। कोरोना संकट के कारण गोपाष्टमी मेला नहीं लगने से 2020 में गौशाला कमेटी को दुकान आदि के किराए से आने वाली आय आदि के रूप में लगभग 35 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। इस राशि से ही गौशाला में पल रहे 178 पशुधन का पेट भरता रहा है। अभी प्रतिदिन 170 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।
2019 में गोपाष्टमी मेले से अर्जित धन राशि से कोरोना संक्रमण के दौरान गौशाला के पशुधन की सेवा की गई। लेकिन 2020 में गोपाष्टमी मेला नहीं लगने के कारण गौशाला की स्थिति ठीक नहीं है। अगर इस वर्ष भी मेला नहीं लगता है तो गाय को खाना दे पाना मुश्किल हो जाएगा। इस संबंध में सदर एसडीओ सह गौशाला कमेटी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि गोपाष्टमी मेला लगाने को लेकर अभी वैसी कोई सूचना नहीं दी गई है। जैसे ही कोई सूचना मिलती है, कमेटी को अवगत कराया जाएगा।
गौशाला संचालन समिति के अनिरुद्ध जालान ने बताया कि लोगों के मिले सहयोग से प्रतिदिन गाय के भोजन का उपार्जन तो हो रहा है। साथ ही 2019 में गोपाष्टमी मेले से अर्जित धन राशि से कोरोना संक्रमण के दौरान गाय की सेवा की गई। लेकिन 2020 में गोपाष्टमी मेला नहीं लगने के कारण गौशाला कमेटी की स्थिति ठीक नहीं है। अगर इस वर्ष भी मेला नहीं लगता है, तो गाय को खाना-पीना दे पाना मुश्किल हो जाएगा। जालान ने शहरवासियों से मिल रहे सहयोग की सराहना की है।
एक नजर में खगडिय़ा गौशाला
कुल पशुधन 178
गाय ठाड़ छह
गाय धेनु 29
बाछी 64
बाछा 36
सांढ़ आठ
अनुत्पादक गौवंश छह
गर्भधारण 29