भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र] भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी काओ की परियोजन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 02:19 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 02:19 AM (IST)
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी काओ की परियोजना में निवेश का सपना दिखाकर बिहार-झारखंड के कई जिलों में लोगों को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। इस ठगी में बिहार के अलावा दिल्ली, झारखंड और ओडिशा के शातिर शामिल हैं। इनका जाल कई राज्यों में फैला हुआ है।

महंगी लैंड रोबर, ऑडी, हमर, फारचूनर से चलने वाले इन ठगों की शान देखकर व्यवसायी झांसे में आकर इन्हें रुपये दे रहे हैं। इस गिरोह के झांसे में अब तक बिहार, झारखंड व ओडिशा के सौ से अधिक लोग आ चुके हैं। भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल स्थित मदरौनी निवासी विकास कुमार सिंह से एक करोड़ 30 लाख रुपये की ठगी की गई। कहा गया कि परियोजना में लगाने के लिए रुपये लिए जा रहे हैं। ठगों ने विकास को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और काओ की परियोजना से जुड़ी कुछ फाइलें दिखार्इं। शाही अंदाज में मेल-जोल बढ़ाकर फांस लेते हैं शिकार : दिल्ली के महंगे होटल में ठहरे ठगों ने महंगी गाड़ियों की ऐसी हनक दिखाई कि मदरौनी निवासी विकास ने पब्लिकेशन के अच्छे-खासे व्यवसाय की चिता छोड़ मोटी रकम लगा दी। विकास से ठगों ने कहा कि उनकी परियोजना फंसी हुई है। पैसा लगाते ही उन्हें लाभ मिलने लगेगा। गिरोह से जुड़े राम बालक, तफरेज आलम, दुर्योधन साह, राम किशन सोरेन और विपिन कुमार सिंह ने विकास से पहले दिल्ली के शकरपुर आर-32 रीता ब्लॉक में मुलाकात की थी। राम बालक पूर्व में गुरुग्राम में भी मिल चुका था। उसी के जरिए ठगों ने विकास को समझाया कि रीयल एस्टेट आरबी यूनिक पीआरओ ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है। बड़ा बिजनेस है। उसके पास हजारों करोड़ की परियोजनाएं हैं। एक बड़ी परियोजना को मंजूरी मिल गई है। मोटे मुनाफे के ख्वाब में फंस कर लुटा चुके हैं नींद : ठगों ने जापानी कंपनी कॉओ कॉरपोरेशन के प्रोजेक्ट डिटेल और उसके दस्तावेज दिखाए। कहा कि रुपये कम पड़ जाने की वजह से काम अधर में लटक गया है। कुछ रकम लगाओ, फिर लाभ में बड़ा हिस्सा मिलेगा। कार्य कुछ माह में पूरा होते ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से नौ सौ करोड़ रुपये आने वाले हैं। उस राशि का 180 करोड़ रुपये टीडीएस कटेगा। शेष 720 करोड़ रुपये राम बालक, फरेज, दुर्योधन, विपिन आदि को मिलेंगे। विकास को यह भी बताया गया कि उससे ली गई राशि दो माह के अंदर मिल जाएगी। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम तलाश रही ठगों को : ठगों ने पहले 40 लाख, फिर 59 लाख, 35 लाख और फिर 23 लाख रुपये विकास से ठग लिए। भागलपुर के हिमांशु प्रवीण, रतन शर्मा, अजय रत्न टिबरेवाल, रतन रजगड़िया आदि भी इस ठगी के शिकार हो चुके हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम इन ठगों को तलाश रही है। इसी को लेकर टीम ने बिहार-झारखंड पुलिस मुख्यालय से संपर्क साधा है। भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, जमुई, पूर्णिया, दुमका, रांची, देवघर, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, रांची और ओडिशा में इन ठगों की सक्रियता सामने आई है।

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