विक्रमशिला सेतु के तीन पायों में दरार
भागलपुर। विक्रमशिला सेतु के तीन पायों में एक साथ दरार आ गई है। पुल पर भारी वाहनों के परिचालन से खतरा
भागलपुर। विक्रमशिला सेतु के तीन पायों में एक साथ दरार आ गई है। पुल पर भारी वाहनों के परिचालन से खतरा बढ़ सकता है। तीन साल पहले ही 15 करोड़ खर्चकर पुल की मरम्मत कराई गई थी। लेकिन अब पुल की हालत अच्छी नहीं है।
तीन माह पहले यह बात सामने आई थी कि विक्रमशिला सेतु के पाया संख्या तीन में दरार पड़ गई है। जांच में पता चला कि पाया संख्या तीन-चार के अलावा एक और पाया में दरार आ गई है। पुल निर्माण निगम के अधिकारियों ने कहा कि पायों में दरार की विशेषज्ञों से जांच कराई गई है। कंसलटेंसी की टीम की जांच बाद एनआइटी या फिर आइआइटी विशेषज्ञ से जांच कराने की अब जरूरत नहीं है। पायों को दुरुस्त किया जाएगा। पुल की मरम्मत का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है, स्वीकृति मिलने पर मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा। कहीं-कहीं एक्सपेंशन ज्वांइट के ऊपर-नीचे होने के कारण भी उछाल महसूस होता है। सेतु की सड़क और तीन-चार क्षतिग्रस्त रेलिग की भी मरम्मत कराई जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि सेतु पर क्षमता से अत्यधिक यानी 40-50 की जगह 70-75 टन लोडेड वाहनों के चलने से पुल को नुकसान पहुंच रहा है।
इधर, विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल बनाने के लिए चयनित एजेंसी के विशेषज्ञों की मानें तो फोरलेन पुल का निर्माण जल्द होना जरूरी ही नहीं बल्कि अतिआवश्यक हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि इसे शीघ्र ही मरम्मत करा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि विक्रमशिला पुल पूर्वी बिहार का लाइफ लाइन माना जाता है। इस पर यदि आवागमन बाधित हुआ तो भागलपुर उत्तर बिहार से कट जाएगा।