Covid Care Center Jamui: श्रवण कुमार बन कर रहे माता-पिता की सेवा, व्‍यवस्‍थाओं को बताया-Better

Covid Care Center Jamui रैन बसेरा केंद्र में कोविड सेंटर चल रहा है। यहां कई ऐसे श्रवण कुमार मिल जाएंगे जो अपने कोरोना पीडि़त माता-पिता के लिए लगातार सेवा दे रहे हैं। साथ ही मरीजों को यहां बेहतर व्‍यवस्‍था दी जा रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 11:52 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 11:52 AM (IST)
Covid Care Center Jamui: श्रवण कुमार बन कर रहे माता-पिता की सेवा, व्‍यवस्‍थाओं को बताया-Better
रैन बसेरा केंद्र में कोविड केयर सेंटर जमुई की व्‍यवस्‍था।

जमुई [संजय कुमार सिंह]। रविवार की सुबह नौ बजे मैंने सदर अस्पताल के कोविड केयर सेंटर की पड़ताल की। रैन बसेरा केंद्र में तीन तल्ले हैं। सबसे ऊपरी तल्ला पर डाक्टर रहते हैं। ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर कोरोना संक्रमित मरीज रहते हैं। दोनों तल्ले पर कुल 14 मरीज इलाजरत पाए गए। यहां पर मेरी भेंट सिरंचद नवादा के अधिवक्ता अशोक कुमार सिंहा से हुई। वह अपनी पत्नी सुषमा सिंहा का इलाज कराकर घर लौटने की व्यवस्था में लगे थे। उस वक्त सेंटर में मौजूद चिकित्सक अशोक गुप्ता से आवश्यक सलाह ले रहे थे।

उन्होंने बताया कि 12 दिन पहले मेरी पत्नी कोरोना संक्रमित हुई थी। आक्सीजन लेवल 88 पर आ गया था। मैंने व्यवस्था पर सवाल किया तो बहुत ही साधारण लहजे में कहा कि बेस्ट तो नहीं बेटर कह सकते हैं। उनके बोलने का मतलब स्पष्ट है कि इस विपरीत परिस्थिति में भी अगर इतना हो रहा है। तो वह काफी है।

श्रवण कुमार की तरह माता-पिता की सेवा में जुटे हैं

जमुई के बड़े चिकित्सक हैं डा संजय मंडल। प्रथम तल्ले पर उनके माता-पिता कोरोना संक्रमित हैं। उनका आक्सीजन लेवल लगभग 50 है। मैंने वहां पर मौजूद नर्स से पूछने का प्रयास किया तो बताया कि दोनों अपने डाक्टर पुत्र की सेवा पर अभी तक सरवाइव कर रहे हैं।

उसी वार्ड में पत्रकार राजेश बरियार और वार्ड पार्षद राकेश बरियार के पिता बीएन बरियार भी आक्सीजन लेवल कमी के शिकार हैं। महामारी के इस दौर जब रिश्ते तार-तार हो रहे हैं। दोनों भाई दिन रात अपने पिता की सेवा में लगे हुए हैं। पत्रकार राजेश ने बताया कि आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। जरूरत के हिसाब से सफाईकर्मी भी आते रहते हैं। मरीजों को दवाई भी मुफ्त में दवाई मिल रही है।

बिना निकले नहीं चलेगा काम

कोविड सेंटर के बाहर डा अशोक गुप्ता से भेंट हुई। उनसे पूछा तो उन्होंने भी बहुत ही सहज अंदाज में बताया कि बिना निकले काम नहीं चलेगा। मरीज भर्ती हैं तो मेरे ऊपर जबावदेही तय है। मुश्किल वक्त में अपनी जबावदेही से पीछे नहीं हट सकता हूं।

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