Bhagalpur : छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने सुनाया ये फैसला, लोगों ने कहा ये सजा भी कम

भागलपुर में छह साल की बच्‍ची से दुष्‍कर्म मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने दोषी युवक को सजा देते हुए आर्थिक दंड भी लगाया है। मामला बीते साल 12 सितंबर का है। पढ़ें पूरी खबर...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 12:00 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:03 PM (IST)
Bhagalpur : छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने सुनाया ये फैसला, लोगों ने कहा ये सजा भी कम
भागलपुर में छह साल की बच्‍ची से दुष्‍कर्म मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। पाक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को छह साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले प्रिंस कुमार को 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। अभियुक्त को पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायाधीश ने अपने आदेश में पीडि़त बच्ची के स्वजन को सरकारी सहायता योजना मद से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्देश भी दिया है। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजन शंकर जय किशन मंडल ने बहस में भाग लिया।

- पांच हजार रुपये का देना होगा जुर्माना, एक साल में आया फैसला

- पीड़ित बच्ची के स्वजन को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्देश

12 सितंबर को घटना को दिया था अंजाम 

मालूम हो कि सबौर थाना क्षेत्र में 12 सितंबर 2020 को छह साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना हुई थी। वह अपने बालकनी में खड़ी थी। बगल में किराए के मकान में रहने वाले आरोपित प्र‍िंंस और उसके साथ एक और लोग ने मिलकर बच्ची से दुष्कर्म को अंजाम दिया था। पीड़िता की मां ने छत पर सूख रहे कपड़े को उतारने जाते समय दुष्कर्म करते देखा था। बच्ची ने उस समय बयान दिया था कि दोनों ने ऐसी घटना पूर्व में भी किया था। यह धमकी भी दी थी कि यदि मां या किसी अन्य लोगों से बताई तो उसे छत की तीसरे माले से नीचे फेंक देंगे। इसलिए वह किसी को नहीं बोल पाई थी। मां ने रंगे हाथ जब छत पर उसे दुष्कर्म करते देखा तो उसने चंद दिन पूर्व वाली घटना का भी ज्क्रि करते हुए प्रिंस का भी नाम लिया। अभियुक्त प्र‍िंस का मामला पाक्सो की विशेष अदालत में चला जबकि नाबालिग होने के कारण दूसरे युवक का मामला पूर्व में किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था।  

वहीं, लोगों ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि ये सजा भी कम है। मासूम बच्ची के साथ ऐसा जघन्य अपराध करने वाले को तो फांसी पर लटका देना चाहिए। बहरहाल, कोर्ट का फैसला सर्वोपरी।

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