भागलपुर नगर निगम के पार्षद भी ट्रेड लाइसेंस के हुए शिकार, पैसा लेकर भी रजिस्‍टर में नाम नहीं किया दर्ज

भागलपुर नगर न‍िगम के पार्षद भी ट्रेड लाइसेंस के शिकार हो गए हैं। कई पार्षदों से करीब ढाई हजार रुपये लेने के बाद भी रजिस्‍टर में नाम दर्ज नहीं किया गया है। मामला सामने आने के बाद अब इस पर सवाल-जवाब शुरू हो गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:01 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:01 AM (IST)
भागलपुर नगर निगम के पार्षद भी ट्रेड लाइसेंस के हुए शिकार, पैसा लेकर भी रजिस्‍टर में नाम नहीं किया दर्ज
भागलपुर नगर न‍िगम के पार्षद भी ट्रेड लाइसेंस के शिकार हो गए हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम में ट्रेड लाइसेंस मामले में अनियमितता की जांच जारी है। इसमें अब 70 से अधिक व्यापारियों को निगम के रजिस्टर में दर्ज किए जारी कर दिया है। इसमें संलिप्त कर्मियों ने नगर निगम के वार्ड 42 के पार्षद सरयुग साह को भी नहीं बख्शा। उनके ट्रेड लाइसेंस में अनियमितता बरती गई है। इसे लेकर मंगलवार को जब ट्रेड लाइसेंस शाखा में लाइसेंस नवीकरण के लिए पहुंचे। शाखा प्रभारी निरंजन मिश्रा ने जब लाइसेंस लेकर निगम के रजिस्टर से मिलान शुरू किया तो कहीं भी नाम अंकित नहीं मिला। शाखा प्रभारी ने कहा आपके लाइसेंस का कोई उल्लेख नहीं है। जबकि पार्षद के पास निगम को 2500 हजार रुपये जमा रसीद भी था। इसे लेकर पार्षद सरयुग साह आक्रोशित हो गए। कहने लगे अब तक आम जनता ठगे महसूस कर रहे थे। लेकिन अब पार्षद को भी नहीं छोड़ा।

इस मामले को लेकर नगर निगम के सभागार में चल रही जांच कमेटी के सामने ट्रेड लाइसेंस लेकर पार्षद पहुंच गए। यहां बैठे जांच समिति के अधिकारी और कर्मी से पूछा राशि जमा की, लाइसेंस जारी हुआ लेकिन, लाइसेंस वाले रजिस्टर में अंकित नहीं है। आखिर कौन जिम्मेदार है जिसने आम जनता तो छोडि़ए पार्षद को भी नहीं छोड़ा। अब इसका जवाब देना होगा। पार्षद को शांत करने के लिए सभी आश्वासन दिया कि जो गलती हुई है उसमें सुधार कर लेंगे। इस अवसर पर पार्षद सरयुग साह ने कहा कि चार जून 2020 को उपनगर आयुक्त रीता कुमारी व तत्कालीन शाखा प्रभारी दिव्या स्मृति का लाइसेंस में हस्ताक्षर है। सीमेंट, छड़ आदि की बिक्री के लिए तत्कालीन शाखा प्रभारी को राशि भी जमा किया। इसके बावजूद अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे।

पार्षद ने कहा कि इस लाइसेंस के आधार पर जीएसटी नंबर भी लिया। निर्माण सामग्री की बिक्री भी कर दिए। जिस विक्रेता को बिल दिए है उसमें दो फीसद राशि वापस लौटना है। लेकिन अब राशि मिलेगा या नहीं ये निगम ही जाने। इस मामले को लेकर 13 अगस्त को उपमुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराएंगे। डीएम को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग करेंगे। साथ ही जरूरत पड़ी तो निगम के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करेंगे। आम जनता ठगे महसूस कर रहे थे। लेकिन अब पार्षद को भी नहीं छोड़ा।

इस मामले को लेकर नगर निगम के सभागार में चल रही जांच कमेटी के सामने ट्रेड लाइसेंस लेकर पार्षद पहुंच गए। यहां बैठे जांच समिति के अधिकारी और कर्मी से पूछा राशि जमा की, लाइसेंस जारी हुआ लेकिन, लाइसेंस वाले रजिस्टर में अंकित नहीं है। आखिर कौन जिम्मेदार है जिसने आम जनता तो छोडि़ए पार्षद को भी नहीं छोड़ा। अब इसका जवाब देना होगा। पार्षद को शांत करने के लिए सभी आश्वासन दिया कि जो गलती हुई है उसमें सुधार कर लेंगे। इस अवसर पर पार्षद सरयुग साह ने कहा कि चार जून 2020 को उपनगर आयुक्त रीता कुमारी व तत्कालीन शाखा प्रभारी दिव्या स्मृति का लाइसेंस में हस्ताक्षर है। सीमेंट, छड़ आदि की बिक्री के लिए तत्कालीन शाखा प्रभारी को राशि भी जमा किया। इसके बावजूद अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे।

पार्षद ने कहा कि इस लाइसेंस के आधार पर जीएसटी नंबर भी लिया। निर्माण सामग्री की बिक्री भी कर दिए। जिस विक्रेता को बिल दिए है उसमें दो फीसद राशि वापस लौटना है। लेकिन अब राशि मिलेगा या नहीं ये निगम ही जाने। इस मामले को लेकर 13 अगस्त को उपमुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराएंगे। डीएम को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग करेंगे। साथ ही जरूरत पड़ी तो निगम के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करेंगे।  

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