Coronavirus effect: खगडि़या में गुम हो गई चरखे की आवाज

Coronavirus effect कोरोना के कारण अप्रैल से बंद है डुमरिया बुजुर्ग खादी भंडार। कतीनों को जनवरी-फरवरी के पैसे भी नहीं मिले हैं। जबकि सियादतपुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग खादी भंडार की ख्याति दूर-दूर फैली हुई है। महिला गुजर बसर करतीं हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 11:33 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 11:33 AM (IST)
Coronavirus effect: खगडि़या में गुम हो गई चरखे की आवाज
कोरोना के कारण खादी भंडार का कार्य ठप।

परबत्ता (खगड़िया) [उपेंद्र]। डुमरिया बुजुर्ग स्थित खादी भंडार में पांच अप्रैल से पहले दिनभर चरखे की आवाज गूंजती थी। कोरोना की कहर के कारण यह बंद है और यहां की 20 कतीनों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्हेंं पूर्व की राशि तक नहीं मिली है। इंदु देवी ने बताया कि सूत काटकर महीने में नौ से 10 हजार रुपये वे कमा लेती थीं, लेकिन दो माह से वे बेरोजगार हैं। परिवार का भरण-पोषण तक मुश्किल हो गया है। इधर, खादी भंडार के मैनेजर पी. शर्मा ने बताया कि इस केंद्र का संचालन भागलपुर जिला खादी ग्राम उद्योग के अंतर्गत होता है। लॉकडाउन के कारण काम बंद है।

बताते चलें कि गंगा किनारे अवस्थित सियादतपुर अगुवानी पंचायत स्थित डुमरिया बुजुर्ग खादी भंडार की ख्याति दूर-दूर तक है। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। इस केंद्र से गुजर-बसर करने वाली 20 महिलाएं आज बेरोजगार हो चुकी हैं।

क्या कहती हैं डुमरिया बुजुर्ग खादी भंडार से जुड़ी महिलाएं

इस केंद्र से जुड़ी रूपकला देवी ने बताया कि दो माह से सूत की कटाई बंद है। हाथ खाली है। अब तो कोई उधार भी नहीं देना चाहते हैं। जबकि सुगनी देवी, रेणु देवी, लीला देवी, मीना देवी, गुंजन देवी, सुधा देवी आदि ने कहा कि प्रतिदिन तीन से चार सौ रुपये का सूत काट लेती थी, दो माह से केंद्र बंद है। एक रुपये की भी आमदनी नहीं है। चूल्हा-चक्की चलाना मुश्किल हो गया है। इन महिलाओं के अनुसार अप्रैल से सूत की कताई बंद है। और बीते फरवरी-मार्च के भी रुपये नहीं मिले हैं। इन लोगों ने सरकार से आर्थिक मदद मुहैया कराने की मांग की है।

यह केंद्र भागलपुर जिला खादी ग्राम उद्योग के अंतर्गत संचालित है। कतीनों के पूर्व का भी बकाया है। कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन हो गया है। जिससे सूत कताई का कार्य बंद है। स्थिति सामान्य होने बाद केंद्र को फिर से चालू किया जाएगा। -  पी. शर्मा, मैनेजर, डुमरिया बुजुर्ग खादी भंडार।

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