ICMR से जल्द एप्रुव्ड होगा ट्रिपल आइटी का कोरोना सॉफ्टवेयर, मरीजों के लिए बनेगा वरदान

इस सॉफ्टवेयर का निर्माण संस्थान के वैज्ञानिक संदीप राज ने आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के आधार पर निदेशक प्रो. अरविंद चौबे के मार्गदर्शन में तैयार किया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 08:58 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 08:58 AM (IST)
ICMR से जल्द एप्रुव्ड होगा ट्रिपल आइटी का कोरोना सॉफ्टवेयर, मरीजों के लिए बनेगा वरदान
ICMR से जल्द एप्रुव्ड होगा ट्रिपल आइटी का कोरोना सॉफ्टवेयर, मरीजों के लिए बनेगा वरदान

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आसीएमआर) से प्राप्त निर्देश के आधार पर संस्थान में विकसित कोरोना सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार कर लिया है। अब आइसीएमआर स्तर पर इसकी सफलता को परखा जाएगा। वहां से सॉफ्टवेयर एप्रूव्ड हो जाने के बाद यह सॉफ्वेयर कम लागत और समय में कोरोना, निमोनिया और टीबी मरीजों की बीमारियों को क्षण भर में बता देने का काम करेगा। बता दें कि इस सॉफ्टवेयर का निर्माण संस्थान के वैज्ञानिक संदीप राज ने आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के आधार पर निदेशक प्रो. अरविंद चौबे के मार्गदर्शन में तैयार किया है। संस्थान के पीआरओ डॉ. धीरज सिन्हा ने कहा कि आइसीएमआर से कोविड, निमोनिया और टीबी का मिक्स इमेज को डापर हब एक सर्वर है जिसमें लोड कर भेजने को कहा गया था, जिसे तीन दिन पूर्व भेज दिया गया है।

एमएचआरडी मंत्रालय ने संस्थान के निदेशक व टीम के प्रति जताया आभार

वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए ट्रिपल आइटी ने एक नया सॉफ्टवेयर निर्माण कर ऐतिहासिक कार्य किया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने रविवार को ट्वीट कर संस्थान के निदेशक सहित उनके टीम के प्रति आभार जताया है। डिजिटल एक्स रे इमेज के आधार पर कम खर्च और कम समय में इस संक्रमण की जानकारी मरीजों को प्राप्त कराना देश के लिए संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि है ।

कनाडा और जेएलएनएमसीएच के डाटाबेस पर आधारित है सॉफ्टवेयर

ट्रिपल आइटी के विज्ञानी द्वारा तैयार यह सॉफ्टवेयर कनाडा और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाटाबेस पर आधारित है। इस सॉफ्टवेयर में सिर्फ मरीजों के छाती का डिजिटल एक्स रे व सिटी स्केन का इमेज अपलोड कर प्रोग्रामिंग किया गया है। इसमें मरीजों के छाती का डिजिटल एक्स रे इमेज डालते ही यह मजह चार सेकंड में कोरोना संक्रमित होने, टीबी या निमोनिया से पीड़ित होने का रिजल्ट दे देता है। दरअसल इस सॉफ्टवेयर के प्रोग्रामिंग में हजारों कोविड 19 पोजेटिव मरीजों के छाती के एक्स रे रिपोर्ट को दर्ज किया गया है। जिसके आधार पर यह नया एक्स रे इमेज को देखते ही पहचान लेता है कि मरीज कोरोना पोजेटिव है अथवा नहीं। इसमें जांच कीट की अवश्यकता नहीं होती है। आरटीपीसीआर से दो बार कोरोना जांच में जहां छह हजार रुपये खर्च होते हैं वहीं इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक्स रे डिजिटल इमेज द्वारा दो बार की जाचं भी 500 रुपये में पूरी हो जाती है। तत्काल रिपोर्ट मिलता है। इस सॉफ्टवेयर से जांच प्रक्रिया बिलकुल आसान हो जाएगा। इसमें समय की बचत और पैसे भी कम खर्च होंगे। साथ ही मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो पाएगा। विज्ञानी ने उक्त सॉफ्टवेयर का प्रोग्रामिंग आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस के आधार पर किया है।

मद्रास प्रिंटर कंपनी के साथ संस्थान करेंगी काम

आगे ट्रिपल आइटी कोरोना सॉफ्टवेयर पर मद्रास प्रिंटर कंपनी के साथ मिल काम करेगी। कंपनी से वार्ता चल रही थी। कोरोना के कारण लॉकडाउन की वजह से आगे का काम नहीं हो पा रहा है।

सॉफ्टवेयर और इसके डिजाइन पर एकाधिकार

संस्थान द्वारा तैयार कोरोना सॉफ्टवेयर और इसके डिजाइन पर एकाधिकार होगा। इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है। पेटेंट हो जाने के बाद इसकी बिक्री बिना संस्थान के अनुमति के कोई नहीं कर सकेगा।

मरीजों के लिए बनेगा वरदान

देश का यह पहला सॉफ्टवेयर कोरोना मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। मद्रास प्रिंटर कंपनी ट्रिपल आइटी में अपना एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलेगी। कंपनी के विशेषज्ञ संस्थान के विज्ञानियों के साथ मिलकर तैयार किए गए कोरोना सॉफ्टवेयर को और अपग्रेड करेंगे ताकि वह मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा मददगार बन सके। इस दिशा में कंपनी के साथ वातचीत चल रही है।

मुख्‍य बातें

-एमएचआरडी मंत्रालय ने ट्वीट कर सॉफ्टवेयर निर्माण पर जताया अाभार

-जांच कीट की नहीं होगी आवश्यकता, सिर्फ छाती के डिजिटल एक्स रेे इमेज की जांच पर चार सेकंड में मिलेगा रिपोर्ट

-त्वरित रिजल्ट के बाद कोरोना मरीजों का समय पर होगा इलाज

-संस्थान अपने सॉफ्टवेयर का करा रहा हैं पैटेंट

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