Corona Side Effects : तीन माह में डेढ़ गुणा बढ़ गए मनोरोगी, बार-बार सता रहा कई बातों का डर, पूर्णिया के डाक्टरों ने कही ये बात

Corona Side Effects ऐसा है कि अब ये लोगों के मन-मस्तिष्क में आघात कर रहा है। पिछले कुछ महीने में मनोरोगी तेजी के साथ बढ़ें हैं। मनोचिकित्सकों की मानें तो कोरोना की वजह से लोगों में कई तरह के डर पैदा हो गए हैं जो ऐसी स्थिति बना रहे हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 05:54 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 05:54 PM (IST)
Corona Side Effects : तीन माह में डेढ़ गुणा बढ़ गए मनोरोगी, बार-बार सता रहा कई बातों का डर, पूर्णिया के डाक्टरों ने कही ये बात
Corona Side Effects ने बढ़ाई सिरदर्दी, मनोरोगियों की संख्या में इजाफा।

दीपक शरण, पूर्णिया। कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव (Corona Side Effects) अब लोगों के मानसिक स्थिति पर स्पष्ट दिखने लगा है। सदर अस्पताल के मानसिक विभाग के ओपीडी में पिछले तीन माह में रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें 36 फीसद महिला मनोरोगी भी शामिल है। कोरोना के पीक के समय रोगियों की संख्या में डेढ़ गुणा तक की बढ़ोत्तरी हुई।

मनोचिकित्सक डा. राजेश भारती ने बताया कि बीमारी लगने जैसा डर भी लोगों को दिमाग पर असर कर रहा है। भविष्य की चिंता और निराशा, उदासी आदि ऐसे कई कारण है, जिससे लोगों को अवसाद और नींद की समस्या हो रही है। कोरोना का भय इसी बात से समझा जा सकता है कि सबकुछ ठीक रहने के बाद भी व्यक्ति कोरोना टेस्ट करवा रहा है। बार -बार नेगेटिव आने के बाद भी कोरोना टेस्ट करवाना चाह रहा है। नैदानिक मनोवैज्ञानिक पल्लव कुमार ने बताया कि ऐसे व्यक्ति को दवा देनी पड़ रही है।

तीन माह में डेढ़ गुणा इजाफा

कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण के द्वितीय लहर के पीक पर अप्रैल, मई और जून के महीने में मनोरोगियों की संख्या काफी बढ़ी है। कोरोना काल में जहां सामान्य ओपीडी में कमी है, जबकि मानसिक विभाग के ओपीडी में इजाफा हुई। सदर अस्पताल के सामान्य ओपीडी में मरीजों की संख्या में 60 फीसद तक की कमी हुई। संक्रमण के कारण लोग अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज नहीं पहुंच रहे थे। इसी दौरान सदर अस्पताल के मानसिक विभाग के ओपीडी में 569 मानसिक रोगी पहुंचे। मानसिक रोगियों में 37 फीसद से अधिक महिला मानसिक रोगी थे। मानसिक समस्या में अवसाद, मेनिया और नींद की समस्या से अधिक लोग पीडि़त थे।

569 में 210 महिला रोगी मिले

द्वितीय लहर के पीक पर अप्रैल, मई और जून माह के दौरान सदर अस्पताल मानसिक विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ी। अप्रैल माह में 208 मानसिक रोगी इलाज के लिए मानसिक विभाग के ओपीडी में पहुंचे जिसमें 62 महिलाएं और 146 पुरूष थे। उसी तरह से मई माह में कुल रोगी 123 में 48 महिला और 75 पुरूष रोगी थे।

जून माह में 238 कुल मानसिक रोगी पहुंचे और उसमें 100 महिला रोगी और 138 पुरूष रोगी ने उपचार करवाया। मानसिक विभाग के मनोचिकित्सक डा. पल्लव कुमार ने बताया कि भय और भविष्य की चिंता के कारण लोग मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। कोरोना काल में यह समस्या अधिक लोगों के समक्ष है। लाकडाउन ने लोगों घर में बैठने को मजबूर किया। नौकरी जाने का डर और पारिवारिक समस्या मनोरोग का कारण बनता है।

मनोरोग का कारण

कोरोना काल में सबकुछ ठीक रहने के बाद भी एक लोगों को मनो मस्तिष्क पर छाया है। इससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे है। ऐंजाइटी के कारण नींद की समस्या, अवसाद आदि आने लगता है। वह व्यक्ति एक ही काम को बार-बार करता है। अवसाद, मेनिया और नींद की समस्या से अधिक रोगी मिले।

मानसिक रोग के लिए जीवन में होने वाला तनाव सबसे बड़ा कारण है। लाक डाउन के कारण लोगों की परेशानी में काफी बढ़ोतरी हुई है। मानसिक रोग के लक्षण में नकारात्मक विचारों का बार-बार मन में आना, आदत और एकाग्रता में अचानक कमी होना। आत्महत्या का विचार आना, क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी या खुशी का एहसास बिना किसी ठोस कारण होना आदि मनोरोग के लक्षण है।

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