Corona RTPCR Test : अररिया में हर रोज मिल रहे दो हजार सैंपल, चंद घंटों में सौंप दी जा रही रिपोर्ट

Corona RTPCR Test से चंद घंटों कोरोना संक्रमितों की पहचान करना आसान। सदर अस्पताल में हो रहा आरटीपीसीआर लैब का संचालन। बिना लक्षण के रोगियों के लिए आरटीपीसीआर जांच है फायदेमंद। प्रतिदिन दो हजार से अधिक सैंपलों की होती है जांच।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:48 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:48 AM (IST)
Corona RTPCR Test : अररिया में हर रोज मिल रहे दो हजार सैंपल, चंद घंटों में सौंप दी जा रही रिपोर्ट
आरटीपीसीआर टेस्ट में अब नहीं होती देरी, मिलती है सटीक रिपोर्ट।

जागरण संवाददाता, अररिया : जिले में कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए आरटीपीसीआर जांच (Corona RTPCR Test) फायदेमंद साबित हो रहा है। चंद घंटों में सक्रमित मरीजों का पहचान करना आसान हो गया है। पहले आरटीपीसीआर जांच के लिए रोगियों के सैंपल दूसरे जिले भेजे जाते थे। लेकिन अब केवल पांच घंटे भीतर संक्रमित रोगियों की पहचान कर उपचार शुरू कर दी जाती है। महामारी के इस दौर में सदर अस्पताल परिसर में आरटीपीसीआर लैब का संचालन मददगार साबित हो रहा है। बीते सितंबर माह से जिले में लैब का संचालन हो रहा है।

जांच से बढ़ता है विश्वास : सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब का संचालन होने प्रतिदिन दो हजार से अधिक व्यक्तियों के सैंपल की जांच होती है। मेडिकल माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. धीरज कुमार ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच से विश्वास बढ़ता है। कोरोना संक्रमितों की पहचान का एक सटीक व विश्वसनीय जरिया है। इसके जरिए मामूली रूप से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो जाती है। रियल टाइम पोलिमर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) एक आण्विक परीक्षण है, जो श्वसन नली के ऊपरी नमूनों का विश्लेषण करता है। यह कोरोना का कारण बनने वाले वायरस के अनुवांशिक सामग्री की खोज करता है।

चार शिफ्टों में होती जांच : डा. धीरज ने कहा कि चार शिफ्ट में सैंपल की जांच होती है। एक बार में 470 नमूना का परीक्षण होता है। एक शिफ्ट में जांच की प्रक्रिया पूर्ण होने में लगभग चार से पांच घंटा लगता है। इसके लिए आठ टेक्निशियन, दो एएनएम अलग अलग शिफ्ट में कार्यरत हैं।

बिना लक्षण के संक्रमितों को पहचानना आसान : सिविल सर्जन डा. एमपी गुप्ता ने कहा कि जिले में आरटीपीसीआर जांच व्यवस्था होने से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का समय से उपचार कराना आसान हो गया है। संक्रमित व्यक्तियों के समय से उपचार होने से उनकी जान बचाई जा सकती है। इस जांच विधि से संक्रमण के ङ्क्षसटेमेटिक मामलों का पता लगाना आसान गया है। कफ, बुखार, नाक से पानी आना, गंध व स्वाद का खत्म होना, बदन व सरदर्द, कमजोरी व सांस लेने में तकलीफ कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षण वाले मरीजों का पता एंजीजन टेस्ट के जरिए भी आसानी से लगाया जा सकता है। लेकिन बिना किसी लक्षण वाले मरीजों में संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटीपीसीआर जांच एक बेहतर विकल्प है।

पहले होती थी परेशानी : जानकार बताते हैं कि कार्यक्रम, समारोह व हवाई यात्रा करने से पहले आरटीपीसीआर जांच कराना अनिवार्य हो गया है। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाने से पहले सदर अस्पताल में जांच कराने पहुंचे शशिधर कुमार ने बताया कि पहले आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूना मधेपुरा भेजी जाती थी लेकिन अबतो सदर अस्पताल में आसानी से जांच हो जाती है। पहले कोरोना जांच के लिए जिले वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नतीजे प्राप्त होने में चार से पांच दिन का समय लग जाता था।

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