कोरोना के बढ़ते प्रभाव का कचहरी परिसर में भी असर, दोनों गुटों ने दिया जिला जज को पत्र

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तदर्थ समिति के महासचिव अंजनी कुमार दुबे ने जिला जज को पत्र देकर 19 अप्रैल 2021 से न्यायिक कार्य से अलग रखने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 02:22 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:47 PM (IST)
कोरोना के बढ़ते प्रभाव का कचहरी परिसर में भी असर, दोनों गुटों ने दिया जिला जज को पत्र
कोरोना के बढ़ते प्रभाव का कचहरी परिसर में भी असर, दोनों गुटों ने दिया जिला जज को पत्र

भागलपुर। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तदर्थ समिति के महासचिव अंजनी कुमार दुबे ने जिला जज को पत्र देकर 19 अप्रैल 2021 से न्यायिक कार्य से अलग रखने का फैसला लिया है। दुबे ने कहा है कि अधिवक्ताओं में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे खतरे और कई वकीलों को इस रोग से जूझने के कारण आमसभा में 16 अप्रैल को यह फैसला लिया है कि 19 अप्रैल 2021 से 24 अप्रैल 2021 तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखेंगे। तदर्थ समिति ने इस दौरान कोई विपरीत आदेश किसी मुकदमे में नहीं करने का अनुरोध किया है। उधर जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव संजय कुमार मोदी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को देकर कोरोना गाइडलाइंस का न्यायालय परिसर में ही सख्ती से पालन कराने का अनुरोध किया है। महासचिव माोदी ने पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा के नौ अप्रैल 2021 के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए 12 अप्रैल से न्यायालय की कार्यवाही अगले आदेश तक वर्चुअल कराया है। व्यवहार न्यायालय परिसर में पक्षकारों या किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। महासचिव मोदी ने कहा है कि वहां के व्यवहार न्यायालय में प्रवेश के पूर्व कोरोना गाइडलाइंस के सारे नियमों का पालन कराया जा रहा है। उसी तरह यहां भी व्यवस्था कराई जाए ताकि अधिवक्ता भी अपने विधि-व्यवसाय कोरोना गाइडलाइंस का अनुपालन करते हुए कर सके। महासचिव ने निर्वाची पदाधिकारी दिनेश सिंह बबलू से सहमति ले उक्त आशय का पत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविद कुमार पांडेय को दिया है। मोदी ने बताया कि पिछले साल कोरोना काल में बडृी आर्थिक मार झेल चुके अधिवक्ताओं को अब और कार्य से अलग रहने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वर्चुअल कार्यवाही में सक्षम अधिवक्ता तो घर से भी न्यायिक कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। बहुत तकनीकी दुश्वारियों की वजह से संघ भवन और न्यायालय के भरोसे पर टिके हैं।

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