JLNMCH में तड़पता रहा कोरोना संक्रमित, नर्स ने ऑक्सीजन पाइप लगाने से कर दिया इन्कार

पूर्व बिहार के सबसे बड़े अस्‍पताल जहवार लाल नेहरू चिकित्‍सा महाविदयालय अस्‍पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की स्थिति बदतर है। यहां पर उन्‍हें सही से इलाज नहीं मिल रहा है। नर्स और डॉक्‍टर उनकी जांच करने से कतराते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:00 AM (IST)
JLNMCH में तड़पता रहा कोरोना संक्रमित, नर्स ने ऑक्सीजन पाइप लगाने से कर दिया इन्कार
जहवार लाल नेहरू चिकित्‍सा महाविदयालय अस्‍पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की स्थिति बदतर है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज बुधवार को सांस लेने में परेशानी होने पर तड़पता रहा और नर्स ने ऑक्सीजन पाइप लगाने से साफ मना कर दिया। यह जान मरीज के स्वजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर बवाल काटा। शीशा भी तोड़ दिया।

सूचना मिलते ही अस्पताल अधीक्षक और पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित स्वजनों को शांत कराया। घटना बुधवार शाम पांच बजे की है।

स्वजनों का कहना है कि आइसीयू में ठीक तरह से मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। मरीज के मुंह से ऑक्सीजन पाइप खुल गया था। जब नर्स को लगाने के लिए कहा गया तो उसने साफ कह दिया कि नहीं जाऊंगी, कोरोना हो जाएगा।

कब क्या हुआ

आइसीयू में मिरजानहाट के 50 वर्षीय बुजुर्ग को भर्ती किया गया है। वे सरकारी वकील हैं। उनकी पुत्री ज्योति ने रोते हुए कहा कि ज्यादा देर तक मैं ही पापा के साथ रहती हूं। चिकित्सक मरीजों पर ध्यान नहीं देते। ऑक्सीजन पाइल मुंह से खुलने पर नर्स के पास गई थी, वह फटकारने लगी। पास की बेड पर इलाजरत मरीज को जब जबरन रेफर किया जाने लगा तो हमलोगों ने विरोध किया। मरीज के पुत्र ने कहा कि सुरक्षा गार्ड सो रहा था। उसे गेट खोलने के लिए कहा गया तो नहीं खोला। उन्होंने बताया कि मरीज के पास ज्यादा देर तक स्वजनों को रहने नहीं दिया जाता है।

स्वजनों ने खोली अव्यवस्था की पोल

स्वजन ने बताया कि नौ अप्रैल को आइसोलेशन में भर्ती किया गया था। हालत खराब होने पर 12 अप्रैल को आइसीयू रेफर किया गया। सूई नहीं देने पर हंगामा किया तब चिकित्सक की आंखें खुली और उन्होंने इंजेक्शन लगाया। मरीज डॉ. हेम शंकर शर्मा की यूनिट में भर्ती है। डॉ. शर्मा ने कहा कि मरीज का ऑक्सीजन लेबल 50 फीसद है। इलाज से स्वजन संतुष्ट नहीं थे, रेफर करवाना चाह रहे थे। डॉ. कुंदन ने कई बार मरीज को देखा। दूसरी तरफ कंट्रोल रूम के प्रशासक सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि चिकित्सकों को अपना काम करने देना चाहिए, हंगामा करने से मरीज का इलाज भी प्रभावित होता है।

स्वजनों का आरोप

- कोरोना संक्रमित मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्वजनों ने शिकायत की तो नर्स ने कहा कि नहीं लगाऊंगी पाईप, पास गई तो हो जाऊंगी संक्रमित।

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