Corona Fighters: जानिए... इनके बारे में, किस प्रकार कोरोना को हराकर आज जी रहीं खुशहाल जिंदगी
Corona Fighters भागलपुर में कोरोना को हराकर परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही भगवती देवी। 12 दिन तक कोविड सेंटर में रही भर्ती स्वस्थ्य होने पर गईं घर। महिला ने कहा कोरोना से डरकर नहीं हिम्मत से मुकाबले की जरूरत।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बात 22 अप्रैल की है। बांका जिले के अमरपुर निवासी भगवती देवी (46 वर्ष) की तबीयत खराब होने पर परिवार वालों ने कोरोना की जांच कराई। दो दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद घर में हड़कंप मच गया। सभी लोग उदास हो गए।इसके बाद स्वजन लेकर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज स्थित कोविड सेंटर लेकर पहुंचे। यहां महिला को भर्ती कर इलाज शुरू हुआ। चार दिन तक कोई सुधार नहीं हुआ। इससे मरीज और स्वजनों की चिंता बढ़ने लगी। लेकिन धरती के भगवान ने हमेशा हौसला आफजाई करते रहे। आयुष चिकित्सक डॉ. नीरज गुप्ता और उनकी टीम लगातार देखरेख करते रहे। सातवें दिन से महिला की सेहत में सुधार हुआ। महिला के चेहरे पर भी खुशी झलकने लगी। 12 दिन पूरा होने के बाद महिला को कोविड सेंटर से छुट्टी दे दी गई। अब महिला घर में ही क्वारंटाइन है। बच्चे और परिवार के साथ खुशी से रह रहीं है।
चिकित्सकों का हूं शुक्रगुजार
जब भगवती देवी को स्वजन साथ लेने आए तो सभी के चेहरे पर मुस्कान दिखा। सभी के आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे। दूर से ही सही चिकित्सकों को जिदंगी भर शुक्रगुजार करने की बात कही। महिला ने कहा कि कोरोना की दवा अभी तक नहीं बनीं। लेकिन चिकित्सकों ने पूरी तरह ठीक कर दिया।
पता नहीं चला अस्पताल में हूं
महिला मरीज ने कहा कि यहां इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं हुई। दवाइया और भोजन भी समय पर मिलता था। कोरोना मरीजों ने डॉक्टर के बताए नियम का पालन किया। महिला ने कहा कि यहां रहकर पता ही नहीं चला कि कोरोना हो गया। सर्दी-खासी बराबर होता रहता था। इसके बाद जाच कराए। इसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आने के बाद मैं डर गई थी, लेकिन डॉक्टर और परिवार का सपोर्ट मिला तो मुझमे हिम्मत आ गई।
कोरोना से डरे नहीं मुकाबला करें
डॉ. नीरज गुप्ता और अमित शर्मा ने ठीक होकर घर जाने वाले मरीज को बधाई दे रहे हैं और सभी का हौसला आफजाई कर रहे हैं। इनका कहना है कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, इसका मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि हर दिन मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं। सभी को होम क्वारंटाइन रहने को कहा गया है। सभी क्वारंटाइन के बाद समाज और लोगों को जागरूक करेंगे, ताकि इस संक्रमित बीमारी की चपेट में नहीं आ सकें।