कोरोना इफेक्ट, स्कूल बंद कर खोल ली हार्डवेयर की दुकान

कोरोना के स्कूल का धंधा छोड़कर अब परिवार का भरण पोषण के लिए हार्डवेयर की दुकान खोल ली। एकबारगी लगा स्कूल फिर खुलेंगे तो दुकान की राशि निकालकर फिर स्कूल में लगा दिया। लेकिन लॉकडाउन ने झटका दिया। अब कभी स्कूल खोलने की नहीं करेंगे पहल।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:53 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:53 PM (IST)
कोरोना इफेक्ट, स्कूल बंद कर खोल ली हार्डवेयर की दुकान
कोरोना के पहले संजय चौरसिया स्कूल संचालक थे। लॉक डाउन में धंधा बदल दिया अब चला रहे हैं दुकान।

 संवाद सूत्र,(सन्हौला)भागलपुर।  कोरोना वैश्विक महामारी के चलते सन्हौला के एक निजी विद्यालय संचालक आज दुकान चलाने को विवश हैं। जी हां, हम बात कर रहे है विवेकानंद पब्लिक स्कूल संचालक संजय चौरसिया की। स्नातक की डिग्री लेने के बाद सीए की पढ़ाई करने दिल्ली चले गए, सीए में दूसरा सेमेस्टर पास होने के बाद चौरसिया बीमार पड़ गए और अपने घर भुड़िया आ गए। अस्वस्थता के कारण वे दुबारा पढ़ाई करने नहीं गए और वर्ष 2008 में विद्यालय की नीव रखी। विद्यालय अच्छा खासा चल रहा था। लॉक डाउन के पूर्व विद्यालय में 280 छात्र थे। 13 मार्च 2020 स्कूल बंद हुआ और 25 मार्च से लगातार लॉक डाउन लगने के कारण उसके साढ़े ग्यारह लाख रुपये चुकता नहीं हो सका। 

श्री चौरसिया ने बताया कि आर्थिक संकट मुंह बाए सामने खड़ा था। आमदनी के अभाव के कारण परिवार चलाना कठिन हो जाता यदि समय पर दुकान खोलने का निर्णय नहीं लेता। एसबीआई बैंक से 10 लाख रुपये लोन लेकर छह जून 2020 से हार्डवेयर, स्पोर्ट्स एवं टायर दुकान की शुरुआत की। जिससे परिवार का गुजर-बसर हो रहा है। श्री चौरसिया ने बताया कि लॉक डाउन समाप्त होने के बाद एक मार्च से विद्यालय खोलने की समाचार आया। तो दुकान के एक लाख अड़सठ हजार रुपये पुनः स्कूल को ठीकठाक कराने में लगा दिया, लेकिन दुबारा लॉक डाउन होने से विद्यालय में दुबारा लगाई गई पूंजी व्यर्थ हो गया।

श्री चौरसिया ने बताया कि विद्यालय संचालन में आमदनी के साथ-साथ सम्मान भी था, वो सम्मान दुकान पर नहीं मिलता है, लॉक डाउन में परिवार का भरण-पोषण हो जाता है, काफी है। दरअसल, अब उन्होंने स्कूल खोलने की उम्मीद छोड़ दी है। अब दुकान को ही अपना मुख्य व्यवसाय बना लिया है। 

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