तिरंगे की ब्रिकी पर कोरोना का असर

इस बार स्वतंत्रता दिवस को लेकर झंडों की खरीदारी पिछले साल की तुलना में कम हुई। 2019 में 25 लाख रुपये के आसपास तिरंगे की बिक्री हुई थी। इस बार यह आंकड़ा 10 लाख भी नहीं पहुंच सकी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Aug 2020 07:37 AM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 07:37 AM (IST)
तिरंगे की ब्रिकी पर कोरोना का असर
तिरंगे की ब्रिकी पर कोरोना का असर

भागलपुर। इस बार स्वतंत्रता दिवस को लेकर झंडों की खरीदारी पिछले साल की तुलना में कम हुई। 2019 में 25 लाख रुपये के आसपास तिरंगे की बिक्री हुई थी। इस बार यह आंकड़ा 10 लाख भी नहीं पहुंच सकी।

लॉकडाउन के कारण भागलपुर से गोड्डा, बांका, नवगछिया, मुंगेर, साहिबगंज और खगड़िया जिलों में भी तिरंगे की आपूर्ति नहीं हुई। स्कूल और कॉलेज बंद होना भी बड़ी वजह है। थोक व्यापारी गोविंद प्रसाद ने बताया कि इस बार तिरंगे का कारोबार हर साल की तरह नहीं हो सका।

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10 से लेकर 3500 तक का तिरंगा

बाजार में 10 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक के झडे बेचे गए। वेरायटी चौक, खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक, तिलकामांझी, साहिबगंज, नाथनगर, सबौर, भीखनपुर में तिरंगे की दुकानें सजी है। ज्यादातर कपड़ा और कागज के झडे बेचे गए। कागज से बने झडे 10 से 20 रुपये में बिके। खादी ग्रामोद्योग में 3500 रुपये तक के तिरंगा बिके।

बिहार में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद शहर के मुख्य मंडी में प्लास्टिक वाले झडे नहीं बिके। वहीं, अलीगंज, भीखनपुर में कुछ दुकानों पर प्लास्टिक से बने झंडे बिक रहे थे। वेरायटी चौक से लोहा पट्टी वाली सड़क पर स्थित कई दुकानें तिरंगे झडे, बैलून, रिस्ट बैंड सहित कई अन्य सामानों से पटा रहा।

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