कोरोना ने बदल दी इन लोगों के जिंदगी की रफ्तार... परदेशी बाबू घर पर रह कर कमा रहे लाखों रुपये, जानिए...

कोरोना ने कई लोगों की जिंदगी को नई दिशा दे दी है। रोजी-रोजगार के लिए बाहर जाने वाले अब दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। सुपौल में ऐसे कई युवक हैं। वे लोग पहले की तुलना में बेहतर जिंदगी भी जी रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 04:37 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 04:37 PM (IST)
कोरोना ने बदल दी इन लोगों के जिंदगी की रफ्तार... परदेशी बाबू घर पर रह कर कमा रहे लाखों रुपये, जानिए...
कोरोना ने कई लोगों की जिंदगी को नई दिशा दे दी है।

 सुपौल [विमल भारती]। 20 वर्ष से अधिक समय तक दिल्ली में ठीकेदारी कर पैसे अर्जित करने वाले जितेंद्र कुमार कोरोना काल में घर लौटे तो उनके जीविकोपार्जन की राह ही बदल गई। अब वे भपटियाही-सुपौल सड़क किनारे स्थित चांदपीपर गांव के समीप टोल प्लाजा के बगल में होटल चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। वे जब ठीकेदारी करते थे तो उनकी पत्नी रंजू देवी भी तीन बच्चों के साथ रहती थी। पिछले वर्ष मार्च में कोरोना संक्रमण के बाद दिल्ली छोड़कर अपने गांव आ गए।

कोरोना को लेकर बार-बार लॉकडाउन होने से उसका मनोबल टूटने लगा और इसी बीच उसकी पत्नी ने गांव में ही रहकर रोजगार करने की सलाह दी। जितेंद्र ने बताया कि इसके बाद उन्होंने दिल्ली नहीं जाने का फैसला लिया। पांच अगस्त को होटल खोल लिया। होटल खोलने के बाद अपने रोजगार में इस कदर व्यस्त हो गए कि अब पुरानी यादें धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। बताया कि अधिक मुनाफा नहीं होता है लेकिन बच्चों के साथ घर पर रहकर रोजगार करना अब भाने लगा है। बताया कि जब विद्यालय खुलेंगे तो तीनों बच्चे जो दिल्ली में पढ़ते थे अब सुपौल में ही पढ़ेंगे।

जितेंद्र कुमार ने कहा कि अभी होटल नया है और टोल टैक्स भी चालू नहीं हुआ है इसलिए आमदनी कम होती है। उम्मीद है की भपटियाही-अररिया सड़क मार्ग के चांदपीपर गांव में बने टोल टैक्स के चालू हो जाने पर आमदनी भी बढ़ जाएगी। बताया कि अभी प्रतिदिन तीन से चार हजार की बिक्री होती है जिससे परिवार आराम से चलता है। कहा कि वे अपने रोजगार से संतुष्ट हैं।

उनकी पत्नी रंजू देवी ने बताया कि भले ही होटल से आमदनी कम हो रही है लेकिन गांव में रहकर कम से कम बेरोजगार तो नहीं हैं। होटल में पूरे परिवार का किसी न किसी रूप में योगदान हो रहा है। कहा कि उनके जैसे और कई लोग होंगे जो कोरोना काल में घर आकर अपना अपना जीने का रास्ता बदल लिए होंगे।

chat bot
आपका साथी