टीएमबीयू के गेस्ट हाउस पर विवाद शुरू, किराए का पैसा बैंक की जगह जेब में रख रहा केयर टेकर

टीएमबीयू के गेस्‍ट हाउस को लेकर विवाद शुरू हो गया है। केयर टेकर पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि केयर टेकर गेस्‍ट हाउस से मिले किराए के पैसे को बैंक की जगह अपनी जेब में रख रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 02:54 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 02:54 PM (IST)
टीएमबीयू के गेस्ट हाउस पर विवाद शुरू, किराए का पैसा बैंक की जगह जेब में रख रहा केयर टेकर
टीएमबीयू के गेस्‍ट हाउस को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के गेस्ट हाउस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहां के केयर टेकर अब गेस्ट हाउस से होने वाली आय को विवि के खाते में जमा नहीं कर रहे हैं। इसे लेकर वहां के इंचार्ज डा. संजय कुमार झा ने प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय को रिपोर्ट की है। इस मामले को प्रभारी कुलपति ने गंभीरता से लिया है। उनके आदेश पर कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव ने केयर टेकर महेश राय को नोटिस भेजा है।

-विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस का बकाया जमा करने के लिए केयरटेकर को अल्टीमेटम

- पूर्व में भी कबाड़ बेचने के बाद नहीं जमा किए गए थे रुपये

- आरोपों को दबा देता है टीएमबीयू प्रशासन

- 50 हजार रुपये अतिथि आवास का किराया बैंक खाते में नहीं किया गया जमा

जिसमें कुलसचिव ने कहा है कि प्रभारी अतिथि आवास के द्वारा विवि को जानकारी दी गई है कि अतिथि आवास का किराया 50 हजार रुपये बैंक खाते में जमा नहीं किया गया है। जो नियम के मुताबिक न्याय संगत नहीं है। यह सीधे तौर पर वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। इसमें कहा गया है कि अतिथि आवास से प्राप्त हुई आय को संबंधित बैंक खाते में 24 घंटे के अंदर जमा किया जाए। कुलसचिव ने कहा कि कुलपति के आदेश के बाद संबंधित को पत्र जारी किया है। यदि समय से रुपये जमा नहीं होते हैं तो कुलपति के निर्देश पर कार्रवाई होगी।

दरअसल, कुछ दिनों पूर्व केयर टेकर महेश राय ने टीएमबीयू से टेंडर प्रक्रिया अपनाए बगैर गेस्ट हाउस का कबाड़ बेच दिया था। इस बारे में विवि को ना तो जानकारी दी गई और ना ही बिक्री की राशि विवि के खाते में जमा की गई। तब भी श्री राय पर आरोप था कि कबाड़ की कीमत लाखों में थी, ङ्क्षकतु इस जानकारी को गौण रख लिया गया। बाद में जानकारी सार्वजनिक होने के बाद आननफानन में विवि के खाते में कुछ राशि जमा की गई। इस मामले में प्राक्टर डा. रतन मंडल ने कहा था कि पूर्व प्रभारी कुलपति के मौखिक आदेश पर कबाड़ बेचा गया था।

इस मामले को भी विवि ने दबा दिया। मामले की ना तो जांच हुई और ना ही किसी से इस बात को लेकर पूछा गया कि कबाड़ बेचने के लिए प्रक्रिया हुई थी या नहीं। हाल ही में केयर टेकर ने एक शादी समारोह के लिए सरकारी गेस्ट हाउस आम लोगों को भाड़े पर दे दिया। साथ ही उन पर गेस्ट हाउस में राज्यपाल का रिजर्व कमरा खोलने का भी आरोप है। हालांकि केयर टेकर ने सारे आरोपों से इंकार किया है।  

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