ट्रॉमा सेंटर के मुख्य द्वार पर इंजीनियर ने जड़ा ताला, आफत में डाली मरीजों की जान
किशनगंज सदर अस्पताल परिसर में नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर को हैंडओवर करने में विवाद हो गया है। इंजीनियर में इसमें ताला जड़ दिया। इस कारण मरीज परेशान हो गए हैं। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग दहशत में आ गया है।
किशनगंज, जेएनएन। सदर अस्पताल परिसर में नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर को हैंडओवर कराने के लिए निर्माण एजेंसी के इंजीनियर ने मरीजों की जान आफत में डाल दी। सुबह को ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर इंजीनियर प्रकाश कुमार भाग निकले। इस कारण आइसीयू में भर्ती दो कोरोना मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई। इस दौरान कोरोना जांच कर रहे कर्मी भी अंदर बंद रह गए। इससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया।
आनन फानन अधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे और निर्माण कंपनी के कर्मी को समझा-बुझाकर ट्रॉमा सेंटर के मुख्य द्वार पर जड़े ताले को खोला गया। निर्माण एजेंसी के इंजीनियर प्रकाश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा प्राप्त नक्शा और इकरारनामा के अनुसार ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। विद्युतीकरण, सैनिटेशन, ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन व फर्नीचर की आपूर्ति कर दी गई है। एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता द्वारा ट्रामा सेंटर का पर्यवेक्षण कर योजना पूर्णता प्रमाण पत्र निर्गत हो चुका है। कंपनी के उप प्रबंधक शशि शेखर द्वारा गत आठ अगस्त को सिविल सर्जन को पत्र लिखा गया। उनसे भवन को हैंडओवर करने का अनुरोध किया गया था। हैंडओवर लिए बिना ही ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन कर इसका उपयोग कोविड केयर सेंटर के रूप में किया जाने लगा। वे विगत चार दिनों से हैंडओवर का कागज लिए वे भटक रहे हैं और विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार टालमटोल की जा रही है। इससे आजिज होकर कंपनी के निर्देश पर ट्रॉमा सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया गया।
कागजात में कमी रहने के कारण भवन को हैंडओवर नहीं लिया गया है। कागजात की जांच की जा रही है। कंपनी कर्मी के द्वारा ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ कर कार्य बाधित करने का कार्य किया गया है। वरीय अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है। आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. श्री नंदन, सिविल सर्जन।