भागलपुर में गंगा नदी पर बनने वाले समानांतर पुल का निर्माण अटका, जानिए वजह, कई राज्‍यों के लिए है महत्‍वपूर्ण

भागलपुर में गंगा नदी पर बनने वाले समानांतर पुल का निर्माण फ‍िलहाल रुका हुआ है। मंत्रालय से वर्क ऑर्डर के बाद ही विभाग ठीकेदार से करेगा एग्रीमेंट। मई में ही पुल निर्माण शुरू करने की थी योजना। इस पुल के निर्माण से कई राज्‍यों को लाभ मिलेगा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:56 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:56 AM (IST)
भागलपुर में गंगा नदी पर बनने वाले समानांतर पुल का निर्माण अटका, जानिए वजह, कई राज्‍यों के लिए है महत्‍वपूर्ण
भागलपुर में गंगा में बने इस विक्रमशिला पुल के समानांतर एक पुल बनाने की योजना है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। मंत्रालय से वर्क ऑर्डर नहीं मिलने के कारण गंगा नदी पर बनने वाले फोरलेन पुल निर्माण को लेकर विभागों के बीच संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसकी वजह से पुल निर्माण कार्यों में विलंब हो रहा है। ऐसी स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 2025 तक निर्माण पूरे होने की उम्मीद कम है, जबकि निर्माण मई में शुरू होना था। विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल का लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) को फरवरी में टेंडर अवार्ड किया गया था। शुरुआती दौर से पुल निर्माण से संबंधित कार्रवाई की जिम्मेदारी पुल निर्माण निगम को सौपी गई। टेंडर अवार्ड के डेढ़ माह बाद मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (मोर्थ) के कार्यपालक अभियंता सहित दो पदाधिकारियों की भागलपुर में पोस्टिंग की गई। इसके बाद से संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई कि पुल का निर्माण मोर्थ कराएगा या पुल निर्माण निगम। अबतक मंत्रालय द्वारा दोनों विभाग में से किसी को वर्क ऑर्डर भी जारी नहीं किया जा सका है। दोनों विभाग मंत्रालय के वर्क ऑर्डर का इंतजार कर रहा है। मंत्रालय से वर्क आर्डर प्राप्त होने के बाद ही संबंधित विभाग ठीकेदार से एग्रीमेंट करेगा। इसके बाद पुल का निर्माण शुरू होगा। इधर, पीपीपी मोड में बनने वाले इस पुल की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाली मुंबई की स्टूब रोडिक विथ मोनार्क कंपनी से मिट्टी की जांच भी कराई जा चुकी है। हालांकि निर्माण एजेंसी भी मिट्टी की अपने स्तर जांच कराएगी। पुल सहित पहुंच पथ के निर्माण पर 838 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

4.455 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण बरारी श्मशान घाट की ओर विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर बनेगा। इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 68 पाये वाले इस पुल के दोनों ओर फुटपाथ होगा। गंगा नदी पर 120 मीटर का स्पेन बनेगा। नवगछिया की ओर 875 मीटर और भागलपुर की ओर 987 मीटर पहुंच पथ बनना है। पुल के नीचे पानी की जहाज निकल पाए इसके लिए इनलैंड वाटर वेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त चौड़ा स्पेश छोड़ा जाएगा।

पुल के लिए 21.3 हेक्टेयर भू-अर्जन की कार्रवाई अंतिम चरण में है। 255 रैयतों को भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। 51 एकड़ में 10 एकड़ सरकारी जमीन है। भू-अर्जन में 59 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 51 करोड़ रुपये भागलपुर के समाहर्ता को मिल चुके हैं। गंगा नदी के उत्तर नवगछिया की ओर 875 मीटर और दक्षिण में भागलपुर की ओर 987 मीटर पहुंच पथ का निर्माण होगा। अगले दस साल तक इस पुल का संरक्षण पुल निर्माण करने वाली एजेंसी द्वारा किया जाएगा। गंगा में मिट्टी की जांच हो चुकी है।

पुल की चौड़ाई 29 मीटर, लंबाई 4.455 मीटर, सड़क की लंबाई 9.50 किलोमीटर, गंगा नदी पर 120 मीटर स्पेन बनाने की बात कही गई है।

विक्रमशिला सेतु पर कम होगा दवाब, बढ़ेगी आयु इधर, नए फोर लेन पुल बनने से 20 साल पुराने विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव कम होने के साथ ही इस पुल की आयु भी बढ़ जाएगी। जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा। वर्तमान में खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया, भागलपुर, बांका सहित झारखंड और बंगाल के रास्ते आने-जाने वाली गाड़ियों का विक्रमशिला सेतु से आवागमन हो रहा है। लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

मंत्रालय से वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद ही पुल बनाने वाली एजेंसी से एग्रीमेंट होगा। फोरलेन पुल निर्माण का ठेका एलएंडटी को मिला है। बैंक गारंटी जमा करने के बाद निर्माण एजेंसी से एग्रीमेंट किया जाएगा। दस साल एजेंसी को पुल का रखरखाव करना होगा। -राम सुरेश राय, वरीय परियोजना अभियंता, पुल निर्माण निगम, भागलपुर।

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