कांग्रेस की मांग- कहलगांव का नाम बदलकर रखा जाए सदानंद नगर, भागलपुर में लगे आदमकद प्रतिमा

बिहार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने सदानंद सिंह की आदमकद प्रतिमा भागलपुर में लगाने की मांग मुख्यमंत्री से की। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार को कहलगांव का नाम बदलकर सदानंद नगर कर देना चाहिए।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:47 PM (IST)
कांग्रेस की मांग- कहलगांव का नाम बदलकर रखा जाए सदानंद नगर, भागलपुर में लगे आदमकद प्रतिमा
सदानंद सिंह के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करते प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। प्रदेश कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व कहलगांव से नौ बार विधायक रहे सदानंद सिंह की स्मृति में कहलगांव का नाम बदलकर सदानंद नगर रखना चाहिए। पार्टी ने इसके साथ सदानंद सिंह की जयंती और पुण्यतिथि राजकीय समारोह में मनाने और भागलपुर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने की मांग भी की है।

सदानंद सिंह का रविवार को श्राद्ध कार्यक्रम था, जिसमें शामिल होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा के अलावा पार्टी के दूसरे कई नेता भागलपुर में थे। इस दौरान मदन मोहन झा ने कहा कि सदानंद सिंह ने विभिन्न पदों पर रहकर बिहार की सेवा की। सरकार को उनकी जयंती और पुण्यतिथि राजकीय सम्मान से मनाने की घोषणा करनी चाहिए। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार को कहलगांव का नाम बदलकर सदानंद नगर करना चाहिए। उनके लिए यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

भागलपुर में लगे आदमकद प्रतिमा

बिहार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने सदानंद सिंह की आदमकद प्रतिमा भागलपुर में लगाने की मांग मुख्यमंत्री से की। उन्होंने कहा कि सदानंद सिंह कहलगांव सीट से नौ बार विधायक रह चुके हैं। ऐसा और कोई उदाहरण नहीं है। साथ ही कांग्रेस पार्टी में उनका कद भी बड़ा था। मंत्री के अलावा कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। हर वर्ग में उनकी पैठ थी। इसलिए उनकी प्रतिमा लगाने की मांग सरकार से की है, ताकि उनकी याद बरकरार रहे। वहीं पार्टी के जिला अध्यक्ष परवेज जमाल ने भी प्रतिमा लगाने की मांग की।

श्रद्धांजलि अर्पित करते समय कई कांग्रेस कार्यकर्ता रो पड़े

कहलगांव विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ता सदानंद बाबू के समर्थक सदानंद बाबू के चित्र पर माल्यार्पण करते वक्त रो पड़े। कहते थे कि अब हमारा सुख दुख कौन सुनेगा। कौन मदद करेगा। बेसहारा हो चुके हैं। अब नाम से कौन पुकारेगा की फलां काम कर देना। इनके जाने से लगता है कि घर का गार्जियन ही चला गया है।

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