भागलपुर के अस्‍पतालों का हाल: यहां डाक्टर नहीं है, दूसरे अस्पताल जाइए

भागलपुर के अस्‍पतालों में बेहतर व्‍यवस्‍था नहीं है। लगातार यहां लापरवाही की शिकायत सामने आ रही है। चिकित्‍सकों के नहीं रहने के कारण मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। जेएलएनएमसीएच के विभिन्न विभागों में कार्यरत 26 डाक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गई।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 09:54 AM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 09:54 AM (IST)
भागलपुर के अस्‍पतालों का हाल: यहां डाक्टर नहीं है, दूसरे अस्पताल जाइए
अस्‍पतालों में च‍िकित्‍सकों को बेेहतर सुविधा नहीं है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सदर अस्पताल में रविवार को भी प्रसव के लिए आई महिला को यह कहकर दूसरे अस्पताल जाने के लिए कहा कि यहां डाक्टर की कमी है। डा. नेहा ने कहा कि अभी तो एमबीबीएस पास की हूं, दवा लिख देती हूं। कुल मिलाकर महिला को वापस किया गया। बताया गया कि प्रसव करवाने आई अन्य दो महिलाओं को भी वापस किया गया।

जगदीशपुर की अनुराधा सदर अस्पताल में प्रसव करवाने आई थी। अनुराधा के स्वजन ने कहा कि नर्सों ने चेक किया और कहा कि यहां डाक्टर की कमी है, दूसरे अस्पताल जाएं। सामान्य प्रसव और सिजेरियन भी संभव नहीं है। अनुराधा के स्वजन डाक्टर की प्रतिक्षा में बैठे रहे। जब डा. राजू आए तो उन्होंने भी कहा कि गंभीर मामला है, बच्चेदानी फटने की भी संभावना है।

अगर ऐसा हुआ तो सदर अस्पताल में परेशानी हो सकती है। इस संदर्भ में डा. राजू से बात नहीं हो पाई, उनका मोबाइल स्वीच आफ मिला। इस मामले में सिविल सर्जन भी हतप्रभ रह गए। उन्होंने कहा कि अभी भी मरीज को क्लीनिक ले जाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जो कतई भी उचित नहीं है। सोमवार को इस मामले में जानकारी ली जाएगी।

अवधि पूरी होने पर जेएलएनएमसीएच के 26 डाक्टर हटाए गए

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के विभिन्न विभागों में कार्यरत 26 डाक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गई। इनमें मेडिसीन, हड्डी, सर्जरी, नेत्र रोग सहित अन्य विभाग में कार्यरत डाक्टर शामिल हैं। इन डाक्टरों को हटाने का निर्देश बिहार सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अस्पताल अधीक्षक को दी गई थी। पत्र में कहा गया था की जिन डाक्टरों का टेन्योर पर रखा गया था उन्हें हटा दें। हालांकि इतनी संख्या में डाक्टरों को हटाने पर अस्पताल में फिर डाक्टरों की कमी हो गई। इन डाक्टरों से चार से छह वर्ष पूर्व टेन्योर पर रखा गया था।

जिन डाक्टरों को हटाया गया उनमें पैथोलाजी विभाग के डा. अंकुर, नेत्र रोग विभाग के डा. संजय कुमार शर्मा, पुनित परशुराम पुरिया, डा. विकास कुमार पाण्डेय, सर्जरी विभाग के डा. पवन कुमार, डा. अशोक कुमार ङ्क्षसह, डा. पवन कुमार झा, एनेस्थिसिया विभाग के डा. चंद्र भूषण कुमार सत्यार्थी, हड्डी विभाग के डा. सोहेल अंजुम, रेडियोलॉजी विभाग के डा. उमेश नंदन प्रसाद, शिशु विभाग के डा. पवन कुमार यादव, पैथोलॉजी विभाग के डा. पंकज कुमार सुमन, डा. धनेश कुमार सहित अन्य डाक्टर शामिल हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. हेमंत कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी डाक्टरों को विरमित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को इन डाक्टरों का टेन्योर समाप्त हो गया था।

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