अक्टूबर से मिलने लगेगा फसल क्षति का मुआवजा : मंत्री

किसानों को फसल क्षति का मुआवजा अक्टूबर से मिलने लगेगा। जो किसान अधिक बारिश की वजह से खेत में फसल नहीं लगा सके उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:02 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:02 AM (IST)
अक्टूबर से मिलने लगेगा फसल क्षति का मुआवजा : मंत्री
अक्टूबर से मिलने लगेगा फसल क्षति का मुआवजा : मंत्री

भागलपुर। किसानों को फसल क्षति का मुआवजा अक्टूबर से मिलने लगेगा। जो किसान अधिक बारिश की वजह से खेत में फसल नहीं लगा सके, वैसे किसानों को भी मुआवजा मिलेगा। उक्त बातें जिले के प्रभारी मंत्री राम सूरत कुमार ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहीं।

जिला अनुश्रवण समिति की बैठक के बाद मंत्री ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के खाते में राशि भेज दी गई है। जिनके खाते में राशि नहीं गई, उनके खाते में 15 अक्टूबर तक राशि भेजने का निर्देश दिया गया है। फसल क्षति के लिए किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। जिनका नाम सूची में नहीं, उनका नाम जोड़ने के लिए एक सप्ताह के अंदर अनुश्रवण समिति की बैठक करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण जहां की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, वहां एक सप्ताह के अंदर दुरुस्त करने के लिए आरईओ के अभियंता से कहा गया है। जहां बाढ़ का पानी उतर गया है, वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराने के लिए सिविल सर्जन को कहा गया है। पीएचइडी विभाग को चापाकल में हैलोजेन टेबलेट डालने के लिए कहा गया है। मंत्री ने बताया कि भूमि सुधार उपसमाहर्ता फिर से जमीन से जुड़े विवादों की सुनवाई कर रहेंगे। वे निजी विवादित जमीन के बारे में तय करेंगे कि वास्तविक मालिक कौन है। 2008 में मुख्यमंत्री ने इस आशय का आदेश जारी किया था। इसके खिलाफ कुछ लोग हाई कोर्ट चले गए। यहां हार होने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद भूमि सुधार उपसमाहर्ता को फिर से यह अधिकार मिला है।

उन्होंने बताया कि बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 के मुताबिक सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता 30 कार्य दिवसों में म्यूटेशन वादों के निबटारे का आदेश दिया गया है। भूमि सुधार उपसमाहर्ता को कहा गया है कि दाखिल-खारिज वाद की सुनवाई को दो बार से अधिक स्थगित नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि एक अगस्त को भूमि सुधार उपसमाहर्ता म्यूटेशन अपील कोर्ट में सुनवाई की आनलाइन व्यवस्था का शुभारंभ किया गया। अब आम जनता अपील व सुनवाई को आनलाइन देख सकती है। 31 जुलाई को आनलाइन दाखिल-खारिज की वेबसाइट बिहार भूमि को नए तेवर व कलेवर में दोबारा लांच किया गया। अब मोबाइल फोन के जरिये भी इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। राज्य के 534 अंचलों में से 102 में आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा केंद्र बनकर तैयार है। यहां से 16 तरह के राजस्व दस्तावेज मामूली शुल्क लेकर दिया जाएगा। खास महाल के जमीन की विभाग द्वारा समीक्षा की जा रही है। जिनका लीज या भूमि का आवंटन नियम संगत नहीं होगा, उनका आवंटन रद कर दिया जाएगा। इसके लिए जिलावार टीम गठित की गई है।

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