गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं बच्चे, स्कूल के प्रोजेक्टर पर साधनसेवी का है कब्जा
आदर्श मध्य विदयालय मटिया के बच्चों को गुणोत्तर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एक स्वयंसेवी संस्था ने प्रोजेक्टर प्रदान किया था ताकि वहां के बच्चे गणित और विज्ञान सहजता से पढ़ सकें। पर बीते पांच वर्षो से उक्त प्रोजेक्टर पर साधनसेवी का कब्जा है।
जागरण संवाददाता, जमुई । बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भले ही सरकार गंभीर हो लेकिन सरकार के कर्मचारी इसको लेकर थोड़ा भी गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पांच साल पूर्व विद्यालय को उपहार स्वरूप दिया गया प्रोजेक्टर आज तक शिक्षा विभाग के कर्मचारी के घर की शोभा बढ़ा रहा है। मामला आदर्श मध्य विद्यालय मटिया से जुड़ा है। एनजीओ द्वारा उक्त विद्यालय को एक प्रोजेक्टर दिया गया था ताकि उसके माध्यम से बच्चों को गणित, अंग्रेजी व विज्ञान सहित कई विषयों की पढ़ाई आसानी पूर्वक कराई जा सके। लेकिन विद्यालय के प्रोजेक्टर पर शिक्षा विभाग के साधनसेवी की नजर लग गई और प्रोजेक्टर को वे अपने घर ले गए। पांच साल पूर्व 2016 में प्रोजेक्टर आज तक विद्यालय को वापस नहीं मिला है।
पुरस्कार स्वरूप आईएलएफएस संस्था द्वारा दिया गया था प्रोजेक्टर
जिस प्रोजेक्टर पर शिक्षा विभाग के कर्मचारी अपना हक जमाए बैठे हैं। वह एक संस्था की संपत्ति है। बताया जाता है कि पांच साल पूर्व स्वयंसेवी संस्था आईएलएफएस ने जमुई जिले के कुछ स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सर्वेक्षण किया था जिसमें आदर्श मध्य विद्यालय मटिया को सबसे उत्कृष्ट विद्यालय घोषित करते हुए संस्था ने स्कूल के बच्चों को उपहार स्वरूप एक प्रोजेक्टर दिया था। इतना ही नहीं प्रोजेक्टर के साथ-साथ संस्था ने प्रति माह 15 सो रुपए राशि के साथ 6 माह तक एक ट्रेनर भी उपलब्ध कराया गया था ।
बोले प्रभारी प्रधानाध्यापक
आदर्श मध्य विदयालय मटिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रभात कुमार प्रभाकर ने कहा कि कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर प्रोजेक्टर को साधन सेवी से विद्यालय को दिलाने की मांगा की गई। साधन सेवी द्वारा कोई ना कोई बहाना बनाकर आज तक प्रोजेक्टर उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं साधनसेवी
साधन सेवी सोनू कुमार ने कहा कि प्रोजेक्टर घर तो लाया था परंतु कहीं गुम हो गया है। यथाशीघ्र खोजकर विद्यालय को चार से पांच दिन के अंदर उपलब्ध करा दूंगा।