पूर्णिया के मखानाफोड़ी की भट्ठी में झुलस रहा 'बचपन', मदद के लिए पहुंचे रहे लोगों पर रहे रहे हमले
पूर्णिया के मखानाफोड़ी की भटठी में बचपन झुलस रहा है। इसको लेकर लगातार आवाज उठाई जा रही है लेकिन इसके बाद भी बच्चो को मुक्त नहीं कराया जा सका है। मदद के लिए बाहर से पहुंच रहे अफसरों की टीम पर...
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पूर्णिया जिला के सदर थाना क्षेत्र के खुश्कीबाग इलाके में अवैध रूप से चल रहे मखाना उद्योग से बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए बचपन बचाओं की टीम एवं स्थानीय पुलिस उक्त स्थल पर पहुंची जहां बाल श्रम करते हुए 50 से अधिक बच्चे पाए गए। जिसमें 12 बच्चियों से भी मखाना फोरी करने का कार्य करवाया जा रहा था।
बच्चों में मुक्त होने का उत्साह था बच्चे स्वयं पुलिस और संगठन की टीम को देखकर मुक्त होने के लिए आगे आ रहे थे और एक जगह सभी बच्चे खड़े हुए ताकि उनको गाड़ी में आगे की कार्रवाई हेतु ले जाया जा सके। लेकिन बाल श्रम करवाने वाले तस्करों को यह मंजूर नहीं था। संगठन को कुछ बच्चों के परिजन द्वारा लिखित शिकायत दी गई थी कि उनके बच्चों को बहला-फुसलाकर कार्य हेतु ले आया गया है और नियोजक बच्चों के साथ मारपीट और अत्यधिक समय तक कार्य करवाते हैं। बच्चों के परिजन भी बच्चों को वापस लेने टीम के साथ आए थे उनके बच्चों को वहां से बाहर नहीं आने दिया जाता था।
पूछने पर मालिक द्वारा सही जानकारी नहीं दी जाती थी। शिकायत प्राप्त होने पर संगठन के निदेशक मनीष शर्मा संज्ञान लेते हुए स्वयं अपने नेतृत्व में पूरी टीम के साथ बच्चों को मुक्त करवाने के लिए केंद्रीय कार्यालय दिल्ली से पूर्णिया पहुंच कर स्थानीय थाना के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहे थे। इस दौरान नशे में मगन तस्करों के द्वारा टीम पर हमला किया गया और रेस्क्यू टीम को बच्चों की किडनी निकालने वाला का अफवाह फैला कर हमला करवाया गया।
हालांकि पुलिसकर्मी एवं निदेशक मनीष शर्मा के कुशल नेतृत्व से पूरी टीम सुरक्षित वहां से बाहर निकल पाई और घटना को अंजाम देने वाला एक तस्कर को भी गिरफ्तार करने में पुलिस सफल रही। जिसके बाद संगठन के निदेशक मनीष शर्मा के लिखित शिकायत पर मखाना फोड़ी कराने वाले चार लोगों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।