मंजूषा के रंग से सज गया छठ के सूप व डाला, दीपक और कलश भी सजकर तैयार, दीपावली में होगा उपयोग

दीपावली के दीपक और कलश सहित छठ पूजा के सूप में मंजूषा का रंग भरा जा रहा है। छठ में उपयोग करने वाले सामग्री पर मंजूषा की तस्‍वीर दें। छठ आगामी 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस कार्य में आधे दर्जन महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:33 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:33 AM (IST)
मंजूषा के रंग से सज गया छठ के सूप व डाला, दीपक और कलश भी सजकर तैयार, दीपावली में होगा उपयोग
छठ के सूप और डाला के अलावा दीपक को मजूषा कला के सजाया गया।

संवाद सूत्र, नवगछिया (भागलपुर)। नवगछिया बाजार में दीपावली और छठ पर्व के लिए स्थानीय कलाकारों के द्वारा मंजूषा पेंटिंग को दिया और कलश में उकेरा जा रहा है। चार नवंबर को दीपावली का त्योहार है। उसके लिए अभी से ही मंजूषा पेंटिंग से रंगे दिया कलश बाजार सहित कुम्हार पट्टी में दिखने शुरू हो गये है। पूरे प्रदेशों में आस्था के साथ छठ आगामी 10 नवंबर को मनाया जाएगा। लोक आस्था के इस महापर्व में बांस से बने सूप, दउरा का बहुत महत्व है। व्रती इसमें ठेकुआ, फल-फूल व अन्य पूजा सामग्रियों को रखकर अघ्र्य देती हैं। बदलते ट्रेंड के साथ अब सूप, डगरा पर भी नयापन का रंग चढ़ता जा रहा है।

इस बार छठ को लेकर सूप एवं डगरा को मंजूषा पेंटिंग सजाया जा रहा है। उसे ही बाजारों में उतार कर बेचा जा रहा है। मंजूषा पेंटिंग से सजे सूप, भागलपुर भी भेजे जाएंगे, जहां मंजूषा से जुड़ी हर चीज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इस कला से जुड़ीं महिलाएं बांस के सूप के दोनों ओर मंजूषा पेंटिंग शैली में भगवान सूर्यदेव और कलश की तस्वीर उतार रही हैं। दउरा पर भी मंजूषा की पेंटिंग की कलाकारी लोगों का दिल जीत रही है। इस तरह के सूप की कीमत कम से कम 150 रुपये आकार के अनुसार भी इसके दाम लिए जा रहे हैं। नवगछिया के मुकेश राणा इस मंजूषा पेंटिंग को स्थानीय कलाकारों के बीच प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनके बनाएं समान को बाजार में उपलब्ध करा रहें हैं।

मंजूषा पेंटिंग करने वाली खुशी बताती हैं कि इस बार बड़ी संख्या में लोग मंजूषा पेंटिंग से सजे सूप की ओर आकर्षित हुए हैं। मेरे साथ करीब चार पांच महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं। नवगछिया के कुम्हार पट्टी एवं मनसा सदन के पास इसे तैयार किया जा रहा है। गोवर्धन पंडित, विक्की पंडित, राजनंदिनी, संगीता, सोनी व मंजू ने बताया कि पिछले साल से मंजूषा पेंटिंग के प्रति जुड़ी हुई हूं। अगर हम लोगों को और प्रशिक्षण मिलें तो हमारे हुनर को भी पहचान मिल सकती है। इसमें परिवार का भी भरपूर सहयोग व प्रोत्साहन मिल रहा है एवं समय का भी अच्छा सदुपयोग हो जाता है। अधिक से अधिक लोगों तक मंजूषा पेंटिंग से सजे सूप पहुंच सके, इसकी कोशिश की जा रही है। इसके जरिए पर्व और ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी है।

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