Chhath 2021: खरना संपन्न, अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य आज
चैती छठ का खरना संंपन्न हो गया। इसी के साथ व्रतियों द्वारा व्रत के समापन चलने वाला निर्जला उपवास भी शुरू हो गया। आज अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। कल सोमवार को उदयगामी भास्कर अघ्र्य अर्पित किया जाएगा।
जाटी, भागलपुर/बिहपुर। शनिवार को चैती छठ पर्व चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन व्रतियों ने देर शाम तक पूरे नियम निष्ठा के साथ खरना पूजन किया। इसके बाद व्रतियों ने खरना प्रसाद रसिया/खीर खाया। इसी के साथ व्रतियों द्वारा व्रत के समापन चलने वाला निर्जला उपवास भी शुरू हो गया।रविवार को अस्ताचलगामी एवं सोमवार को उदयगामी भास्कर अघ्र्य अर्पित करने बाद इस महापर्व का समापन हो जाएगा।
रसिया प्रसाद का विशेष महत्व
खरना के दिन रसिया का विशेष प्रसाद बनाया जाता है। यह प्रसाद चावल, दूध और गुड़ से बनाया जाता है। इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी का उपयोग कर बनाया जाता है।
50 फीसद तक फलों के दाम बढ़े
फल व्यवसाई रीता देवी कहती हैं कि रमजान, नवरात्र और चैती छठ को लेकर फलों के दाम में 50 फीसद तक वृद्धि हो गई है। दो सौ रुपये प्रति किलो सेव, अनार 160 रुपये, अंगूर 120 रुपये प्रति किलो जबकि केला 50 दर्जन बिक रहा है।
खरना को लेकर व्रतियों ने खीर का प्रसाद किया ग्रहण, पहला अध्र्य आज
अकबरनगर सहित आसपास के विभिन्न इलाकों में चैती छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना पर्व पूरे नेम निष्ठा के साथ मनाया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। शनिवार को व्रतियों महिलाओं ने गंगा स्नान कर गंगाजल लेकर घर पहुंचे। पर्व को लेकर घरों में गूंज रहे छठ मइया के गीत से माहौल भक्तिमय हो गया है। शनिवार को व्रती दिन भर उपवास रख कर देर शाम में खरना का प्रसाद रोटी और खीर का प्रसाद ग्रहण की। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद रविवार को पहला अघ्र्य देंगी। जिसके बाद सोमवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रती अपना उपवास तोड़ेंगे। इस बार कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण व्रतियों ने अपने-अपने घरों में ही छठ पूजा मनाने का निर्णय लिया है। साथ ही अन्य लोगों को भी इस बार संक्रमण को कम करने के लिए घरों में ही व्रत को मनाने की बात कही गई।
चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन हुई स्कंदमाता की पूजा
अकबरनगर थाना क्षेत्र के बाजार व खेरैहिया स्तिथ दुर्गा मंदिरों में चैत्र नवरात्र के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की गई। इस दौरान भक्तों ने जगत जननी के जयकारे लगाए। जिससे पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। इसके बाद मंदिरों में माता का श्रृंगार किया गया। इस दौरान भक्तों ने दुर्गा चालीसा पाठ का वाचन करने के बाद मंदिरों में माथा टेक मां से सुख समृद्धि की कामना की। हालांकि कोरोना संक्रमण के तेज रफ्तार को देखते हुए कई भक्तों ने घरों में तस्वीरे स्थापित कर नवरात्र पर्व कर रही है। वहीं स्थानीय मंदिरों में देर शाम आरती के लिए थोड़ी बहुत भीड़ जमा हो रही है। चैत्र नवरात्र को लेकर बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानें खुल गई है।