बदल रहा ट्रेंड, नौकरी नहीं उद्यमी बनने की तरफ बढ़ा युवाओं का रुझान

युवाओं में हमेशा से नौकरी का क्रेज रहा है। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के एक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:00 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:00 AM (IST)
बदल रहा ट्रेंड, नौकरी नहीं उद्यमी बनने की तरफ बढ़ा युवाओं का रुझान
बदल रहा ट्रेंड, नौकरी नहीं उद्यमी बनने की तरफ बढ़ा युवाओं का रुझान

भागलपुर [प्रशांत]

युवाओं में हमेशा से नौकरी का क्रेज रहा है। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के एक- दो पदों के लिए भी लाखों आवेदन पहुंच जाते थे। उच्च शैक्षणिक डिग्री वाले युवा भी नौकरी की आस में आवेदन कर देते थे। वहीं, स्वरोजगार के लिए शुरू की जाने वाली योजनाओं में गिनती के आवेदन पहुंचते थे। अब तस्वीर पूरी तरह से बदलने लगी है। युवाओं में नौकरी से अधिक उद्यमी बनने का ट्रेंड दिख रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना के आंकड़े युवाओं की सोच में आ रहे सकारात्मक बदलाव की कहानी बयां कर दे रहे हैं। जिला उद्योग केंद्र की ओर से युवा, एससीएसटी, महिला, अत्यंत पिछड़ी जाति के अलग अलग वर्ग में मुख्यमंत्री उद्यमी प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदन मांगे गए थे। 17 सितंबर तक आवेदन जमा किया जाना था। सभी वर्ग में उपलब्ध सीट से चार गुणा अधिक आवेदन आए हैं। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना में जिला को 60 लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के विरुद्ध 326 आवेदन आए हैं।

------------------

क्या कहते हैं युवा

मैं बीते तीन वर्ष से नौकरी पाने का प्रयास कर रहा था। मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना की जानकारी मिलने के बाद मैंने आनलाइन आवेदन किया। मैंने सोचा नौकरी के पीछे भागने से अच्छा है कि खुद का रोजगार शुरू करें। रोजगार शुरू करने के बाद दूसरों को भी रोजगार दे सकूंगा। ऋण स्वीकृत होने के बाद मैं बोतल बंद पानी का कारोबार करूंगा। प्लांट लगने के बाद कम से कम तीन से चार लोगों को रोजगार मिलेगा।

अतुल राज, युवा

--------------------

महिलाओं में भी उद्यमी बनने की होड़

महिलाएं अब उद्यमी बन कर विकास में अपनी सहभागिता देने के लिए तैयार हैं। महिलाएं अब खुद को घर की चाहरदीवारी तक समेटे नहीं रखना चाहती है। जिला को मुख्यमंत्री महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के तहत 57 लक्ष्य दिया गया है। 57 के विरुद्ध 336 महिलाओं ने आनलाइन आवेदन किया है। इससे स्पष्ट है कि जिला में महिलाएं उद्यमी के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

----------------------------

वर्ग लक्ष्य आवेदन

एससीएसटी 38 221

अत्यंत पिछड़ी जाति 58 302

युवा 60 326

महिला 57 336

-----------------------

बोले अर्थशास्त्री

बेरोजगारों की बढ़ती संख्या और नौकरी के घटते अवसर ने उद्यम के प्रति आकर्षण बढ़ाया है। मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना में दिए जाने वाले सब्सिडी भी आवेदन बढ़ने की एक वजह हो सकती है। योजना की सफलता के लिए सबसे जरूरी है कि युवाओं को उद्यम का प्रशिक्षण दिया जाए। ऋण लेने के बाद जब उत्पादन शुरू होगा, तभी योजना की सफलता का आकलन किया जा सकेगा।

डा. अनिल ठाकुर, अर्थशास्त्री

----------------------

बोले अधिकारी

मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना के सभी वर्ग में लक्ष्य से लगभग चार गुणा आवेदन आए हैं। पटना से आवेदनों की स्क्रीनिग के बाद स्वीकृति दी जाएगी। इस योजना के तहत नया उद्यम शुरू करने या पहले से संचालित उद्यम के विकास के लिए दस लाख रुपये दिए जाएंगे। जिसमें पांच लाख रुपये ऋण और पांच लाख रुपये अनुदान होगा।

रामशरण राम, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र

chat bot
आपका साथी