Chandra Grahan : गुरुपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, गुरुभक्ति और श्रीहरि की पूजा में बीता लोगों का समय

LIVE Chandra Grahan 5 July 2020 End Timing गुरुपूर्णिमा पर रविवार को चंद्रग्रहण लगा लेकिन यह ग्रहण भागलपुर में नहीं दिखा। इससे पहले 21 जून को सूर्यग्रहण लगा था।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:34 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 11:37 AM (IST)
Chandra Grahan : गुरुपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, गुरुभक्ति और श्रीहरि की पूजा में बीता लोगों का समय
Chandra Grahan : गुरुपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, गुरुभक्ति और श्रीहरि की पूजा में बीता लोगों का समय

भागलपुर, जेएनएन। Chandra Grahan Timing:  5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा में साल का तीसरा चंद्रग्रहण लगा। चंद्र ग्रहण सुबह 8.54 बजे शुरू हुआ और 11.21 बजे समाप्त हुआ। चंद्रग्रहण की अवधि दो घंटे 43 मिनट और 54 सेकेंड की थी। दिन में चंद्रग्रहण लगने के कारण भारत में यह दिखाई नहीं दिया। यही वजह है कि इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं हुआ।

ज्योतिषाचार्य सचिन कुमार दुबे के अनुसार चंद्र ग्रहण की उपछाया रविवार को लगी। शास्त्रों में इसे ग्रहण की मान्यता नहीं दी गई है। इस दौरान गुरु की आराधना करना श्रेयस्कर है। चंद्रग्रहण की मान्यता नहीं होने की वजह से किसी भी धार्मिक काम पर प्रतिबंध नहीं होगा। ग्रहण का सूतक तब लगता है, जब ग्रहण दिखाई देता है। किसी भी राशि या मानव जीवन पर इसका कोई असर नहीं होगा।

यह एक ही साल में लगने वाला तीसरा ग्रहण और दूसरा चंद्रग्रहण है। वहीं एक ही माह में लगने वाला दूसरा ग्रहण भी। ज्‍योतिष ने लोगों को गंगा स्‍नान व दान करने की सलाह दी है। यह ग्रहण धनु राशि में लगा है।

21 जून 2020 रविवार को सूर्यग्रहण लगा था। सूर्यग्रहण के दिन आषाढ़ की अमावस तिथि थी तो आज आषाढ़ का ही पूर्णिमा है। रविवार को लगा चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण है। अर्थात़् चंद्रमा के सामने धूल जैसी हल्‍की परत दिखाई देगी।

गुरु पूर्णिमा व उपछाया चंद्रग्रहण एक साथ

पंचांगों के हवाले से बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही साल का तीसरा उपछाया चंद्रग्रहण लग रहा है। इस ग्रहण को अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में देखा जाएगा I

तीसरे चंद्रग्रहण का पड़ सकता यह प्रभाव

किसी भी मास में दो या दो से अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के लिए कष्टकारी होता है। ऐसे ग्रहण आर्थिक मंदी, अतिवृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए स्नान-दान धर्म सूर्य उपासना गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना श्रेयष्कर रहेगा।

मंगलकारी होगी श्रीहरि की पूजा

यह ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। आज के दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करके श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं। आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजन, शंख पूजन के बाद शंख ध्वनि से घरो में सुख-समृद्धि का आगमन होता है एवं निरोग काया की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है I

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